Skin Cancer: महिला की नाक का दर्दनाक पिंपल निकला घातक कैंसर, जानें Basal Cell Carcinoma के लक्षण

52 साल की मिशेल डेविस नाम की एक महिला के होश उस वक्त उड़ गए जब उसे पता चला कि उसकी नाक पर निकला दर्दनाक पिंपल एक घातक कैंसर है. अप्रैल 2022 में महिला ने अपने नाक पर एक लाल रंग की फुंसी देखी और सोचा कि यह मामूली सा पिंपल है, लेकिन बाद में पता चला कि वो बेसल सेल कार्सिनोमा है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Wikimedia commons)

Skin Cancer: वैसे तो चेहरे पर पिंपल्स (Pimples) का होना सामान्य सी बात है, क्योंकि कई बार ये हार्मोन्स से जुड़े होते हैं, जबकि कई बार प्रदूषण और गंदगी के चलते चेहरे पर फुंसियां आ जाती हैं, लेकिन क्या यह कैंसर (Cancer) का संकेत भी हो सकता है? दरअसल, 52 साल की मिशेल डेविस (Michelle Davis) नाम की एक महिला के होश उस वक्त उड़ गए जब उसे पता चला कि उसकी नाक पर निकला दर्दनाक पिंपल एक घातक कैंसर है. अप्रैल 2022 में महिला ने अपने नाक पर एक लाल रंग की फुंसी देखी और सोचा कि यह मामूली सा पिंपल है. महिला को उस वक्त आनन-फानन में डॉक्टर के पास जाना पड़ा, जब उस पिंपल से खून बहना बंद नहीं हो रहा था. डॉक्टरों ने जब बायोप्सी की तो पता चला की यह पिंपल बेसल सेल कार्सिनोमा (Basal Cell Carcinoma) था, जो एक प्रकार का स्किन कैंसर है.

मिशेल डेविस (Michelle Davis) ने कैंसर को काटने के लिए अपनी सर्जरी करवाई और शेष क्षेत्र को कवर करने के लिए अपनी नाक की त्वचा को फैलाया. ओरेवा, न्यूजीलैंड की महिला ने खुलासा किया कि उसने कथित फुंसी को निचोड़ने की कोशिश की लेकिन कुछ नहीं निकला. हालांकि, बाद में उसमें से खून निकलने लगा और करीब एक हफ्ते तक खून निकलता ही रहा. महिला ने यह भी खुलासा किया कि नाक पर निकला दाना बेहद सख्त था और फरवरी में पता चला कि उसे कैंसर है. यह भी पढ़ें: Oral Sex Causing Throat Cancer: ओरल सेक्स गले के कैंसर की महामारी को दे सकता है बढ़ावा, डॉक्टर की चेतावनी

डॉक्टरों की जांच में यह पता चला कि उसे कैंसर था और कैंसर को दूर करने के लिए उसे सर्जरी करानी होगी. नाक की सर्जरी के बाद उन्होंने उसकी त्वचा को फैलाया और जल्द ही वह ठीक हो गया. हालांकि एक बार त्वचा कैंसर का निदान होने से उसे फिर से बीमारी विकसित होने का खतरा हो गया.

बेसल सेल कार्सिनोमा के लक्षण

इस प्रकार का कैंसर बेसल सेल्स में शुरू होता है. दरअसल, पुरानी कोशिकाओं के मरने पर बेसल कोशिकाएं नई त्वचा कोशिकाओं का उत्पादन करती हैं, लेकिन इन कोशिकाओं के कैंसर को सूर्य के संपर्क को सीमित करके रोका जा सकता है. हालांकि इस बीमारी को डायग्नोज करने की जब भी बात आती है तो यह उसके शुरुआती लक्षणों को पहचानने पर निर्भर करता है. यह भी पढ़ें: World Cancer Day 2023: संभव है कैंसर का निदान! बस रखें कुछ बातों का ध्यान! ऐसे करें लक्षणों की पहचान!

बेसल सेल कार्सिनोमा (Basal Cell Carcinoma) शुरुआती लक्षणों को समय रहते पहचान कर इसका इलाज कराया जा सकता है. चेहरे और गर्दन जैसे सूरज के संपर्क वाले क्षेत्रों पर पपड़ीदार धब्बों का होना खतरनाक हो सकता है. इसके साथ ही त्वचा पर सफेद या भूरी गांठ के साथ स्किन पर उभरे हुए चपटे और पपड़ीदार पैच दिखाई दें तो आपको सर्तक हो जाना चाहिए. स्किन पर चमकदार और त्वचा के रंग का बंप, स्पष्ट सीमाओं के बिना सफेद घाव भी इसके लक्षण हो सकते हैं.

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