घबराए नहीं ऐसे करें खुद का और अपने परिवार का ‘निपाह’ वायरस से बचाव

निपाह वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य कर्मियों और आम जनता के लिए एडवाइजरी जारी की है. निपाह वायरस के संक्रमण से मृत्यु के मामलों की समीक्षा करने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय का मानना है कि निपाह वायरस से फैला रोग प्रकोप नहीं, बल्कि मात्र स्थानीय स्तर का संक्रमण है.

निपाह वायरस स्थानीय स्तर का संक्रमण है (Photo Credits: Facebook)

नई दिल्ली: निपाह वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य कर्मियों और आम जनता के लिए एडवाइजरी जारी की है. निपाह वायरस के संक्रमण से मृत्यु के मामलों की समीक्षा करने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय का मानना है कि निपाह वायरस से फैला रोग प्रकोप नहीं, बल्कि मात्र स्थानीय स्तर का संक्रमण है.

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा “जनता के बीच जागरुकता बढ़ाई जा रहा है. लोगों से सुरक्षित और साफ-सफाई रखने तथा पशु-पक्षियों का जूठे फल/सब्जियां न खाने एवं संक्रमित व्यक्ति/क्षेत्र के नजदीक जाने पर सावधानी बरतने को कहा गया है.”

राज्य सरकार ने भी स्थानीय भाषा में परामर्श जारी किए है. प्रभावित क्षेत्रों में शुरूआत से ही केन्द्रीय और राज्य की टीमों की मौजूदगी और उनके द्वारा निगरानी तथा रोकथाम की कार्रवाई से लोगों में भरोसा बढ़ा है.

निपाह वायरस से बचने के लिए ऐसा करें -

-ताड़ी, जमीन पर पड़े पहले से खाए हुए फलों का सेवन न करें

-पुराने कुओं के पास न जाएं

-बीमारी के कारण मारे गए लोगों के शवों का अंतिम संस्कार सरकारी परामर्श के अनुसार करें

-ऐसे भोजन का इस्तेमाल न किया जाए, जो किसी चमगादड़ या उसके मल से दूषित हुआ हो

-किसी बीमार व्यक्ति के संपर्क में रहने पर साबुन से 20 सेकेंड तक हाथ धोएं.

सुअर और चमगादड़ से फैलने वाला निपाह वायरस से केरल में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है. सबसे ज्यादा 9 लोग कोझीकोड और 3 लोग मलापुरम जिलें से जान गंवा चुके है. सरकार ने लोगों से कोझिकोड, मलप्पुरम, वयनाड और कन्नूर में जाने से बचने को कहा है.

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