Covid-19 Pandemic: क्या भारत भी बढ़ रहा है हर्ड इन्मूनिटी की ओर, जानें IMA के अध्यक्ष का जवाब
देश अनलॉक की ओर बढ़ रहा है, लेकिन कोविड-19 के संक्रमण के केस भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं. आईसीएमआर की रिपोर्ट के अनुसार देश में अभी सामुदायिक संक्रमण नहीं हुआ है, लेकिन देश के चार राज्यों महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात और दिल्ली में मरीजों की बढ़ती संख्या ने केंद्र व राज्य सरकारों को चिंतित कर दिया है.
Covid-19 Pandemic: देश अनलॉक की ओर बढ़ रहा है, लेकिन कोविड-19 (Covid-19) के संक्रमण के केस भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं. आईसीएमआर की रिपोर्ट के अनुसार देश में अभी सामुदायिक संक्रमण नहीं हुआ है, लेकिन देश के चार राज्यों महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात और दिल्ली में मरीजों की बढ़ती संख्या ने केंद्र व राज्य सरकारों को चिंतित कर दिया है. ऐसे में लोगों को सावधानी बरतनी को साथ कुछ अहम सवालों के जवाब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजन शर्मा ने प्रसार भारती से बातचीत में दिए.
प्रस्तुत हैं सवाल और उनके जवाब
WHO के अनुसार अभी पता नहीं चला है कि एसिम्प्टोमेटिक कितना संक्रमण फैला रहे हैं, इस पर क्या कहेंगे?
डब्ल्यूएचओ ने पहले कहा था कि एसिम्प्टोमेटिक से संक्रमण फैलना का खतरा कम है. फिर आज कहा कि एसिम्प्टोमेटिक वाले कितना संक्रमण फैला सकते हैं कि नहीं, अभी इस बात का पता नहीं चला है. वैसे सभी देश के लोग अपने-अपने शोध शेयर कर रहे हैं. उनमें सभी की राय भिन्न है. वास्तव में अभी भी एसिम्प्टोमेटिक लोग साइलेंट कैरियर हैं. लोगों को इसका पूरा ध्यान रखना होगा. वायरस कई अलग-अलग तरीके से संक्रमण कर सकता है. जून और जुलाई काफी मुश्किल वाले हो सकते हैं. इसलिए कोई लापरवाही न करें और बचाव करें.
देश में स्वस्थ्य होने की दर बढ़ रही है, यह कितना सकारात्मक है?
भारत की जनसंख्या को देखते हुए देश को हर्ड इम्यूनिटी की ओर जाना होगा और उस ओर हम जा भी रहे हैं. कोविड की मृत्यु दर केवल 3 प्रतिशत है, वहीं रिकवी रेट यानी ठीक होने वाले मरीजों की दर 49.21% हो गई है. इसलिए अगर किसी को कोविड होता है तो बड़ी बात नहीं है. बस अपने लक्षणों के प्रति सजग रहें. ध्यान रहे आपके साथ-साथ स्वास्थ्य कर्मियों का सुरक्षित रहना भी बहुत जरूरी है ताकि स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराए नहीं.
ICMR के अनुसार देश में सामुदायिक संक्रमण नहीं हुआ है, ऐसे में बढ़ते हुए मामलों पर क्या कहेंगे?
देश में कोरोना वायरस के केस फैलते जा रहे हैं. इन दिनों देश में चार राज्य रेड ज़ोन में हैं- मुंबई, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात. इस वक्त दिल्ली चर्चा में है, क्योंकि यहां केस अब तेजी से बढ़ रहे हैं. अगर ध्यान दें तो जहां ज्यादा आबादी वाले शहर हैं, या अर्बन स्लम हैं वहां केस ज्यादा हैं. आसीएमआर द्वारा कराये गए सीरोसर्वे के अनुसार अभी सामुदायिक संक्रमण नहीं हुआ है. फिर भी जिस तरह से केस बढ़ रहे हैं आने वाले समय में सभी को चौकन्ना रहने की जरूरत हैकोविड की वजह से बाकी बीमारियों के लोग अस्पताल जाने से डर रहें, वो क्या करें?
सरकार ने कोविड के लिए सभी जिलों में अलग से अस्पताल बनाए हैं. जहां कोविड के मरीजों के लिए एक अलग वार्ड बनाया गया है. वहां सामान्य बीमारी के मरीजों का जाना आना नहीं होता. दूसरी बीमारी के मरीज वहां जा कर इलाज करा सकते हैं. इसके अलावा कई अस्पताल हैं, जो कोविड से संबंधित नहीं है. इसलिए अगर किसी को कोई परेशानी है, तो घबराएं नहीं अस्पताल जाएं इलाज कराएं.
अनलाॉक में लोगों के लिए क्या सलाह है?
लॉकडाउन में देश को माहामारी के खिलाफ तैयारी करने का समय मिला. अब ज़िम्मेदारी लोगों की है कि जो भी नियम बताए गए हैं, उनका पालन करें. अभी बाहर न जाएं, किसी भी झूठे प्रचार या गलत खबरों में न फंसे. सरकार की वेबसाइट और रेडियो पर सही दिशा-निर्देश दिए जाते हैं उसे देखें. अगर कोई विज्ञापन देखते हैं तो पहले उसे जांच लें बिना सोचे समझे भरोसा न करें.
प्लाजमा थैरपी संक्रमित लोगों के लिए कितनी फायदेमंद है?
किसी भी संक्रमित को प्लाजमा थैरपी देने से पहले जांच होती है कि मरीज पर प्लाजमा असर करेगा कि नहीं. उसके बाद ही दिया जाता है. लेकिन अभी यह ट्रायल पर ही है, शोध पूरा होने के बाद भी परिणाम सामने आएंगे.
क्या दो गज की दूरी से संक्रमण से बचने में मदद मिलेगी?
दो गज की दूरी को ही सोशल डिस्टेंसिंग कहा जाता है. अगर आप किसी से दूर से बात करते हैं और आप नहीं जानते हैं कि सामने वाला संक्रमित है या नहीं, तो उनके मुंह से निकलने वाले ड्रॉपलेट जमीन पर गिर जाएंगे और ड्रापलेट जो हवा में कुछ देर रह जाते हैं, उनसे बचाव के लिए मास्क लगायें.
क्या O+ ब्लड ग्रुप के लोगों को वायरस का खतरा कम है?
नहीं, इसमें ब्लड ग्रुप का कोई रोल नहीं है. कोविड19 से किसी भी ब्लड ग्रुप का व्यक्ति संक्रमित हो सकता है. क्या सामान्य फ्लू बिना कोविड19 के संपर्क में आए खुद से कोरोना में बदल सकता है? बिलकुल नहीं, जब तक संक्रमित के संपर्क में नहीं आयेंगे, तब तक फ्लू के मरीज को कोरोना नहीं हो सकता. लेकिन खुद का ध्यान रखें, लक्षण पर ध्यान दें, बुखार का तापमान जांच कर नोट करते रहें. प्रारंभिक दवा करा सकते हैं. लेकिन अगर लक्षण बढ़ें तो जांच जरूर कराएं.