सर्दियों में सांस संबंधी बीमारियों के मरीज कैसे करें बचाव, जानें चिकित्सक की राय

सर्दियों में लापरवाही हो तो कई शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है. कम तापमान और सर्द मौसम श्वसन रोगियों के लिए कष्ट दायक साबित हो सकता है. जिन लोगों को पहले से ही श्वसन रोग हों उनकी जटिलताएं बढ़ जाती है. इसलिए आवश्यक है कि सर्दियों के मौसम में विशेष सावधानी रखें जिससे समस्याओं से बचाव हो सके.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: File Photo)

सर्दियों में लापरवाही हो तो कई शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है. कम तापमान और सर्द मौसम श्वसन रोगियों के लिए कष्ट दायक साबित हो सकता है. जिन लोगों को पहले से ही श्वसन रोग हों उनकी जटिलताएं बढ़ जाती है. इसलिए आवश्यक है कि सर्दियों के मौसम में विशेष सावधानी रखें जिससे समस्याओं से बचाव हो सके. इस बारे में एनआइटीआरडी के प्रिंसिपल कंसल्टेंट डॉ. रोहित सरीन बताते हैं कि सर्दियों में ब्रोंकाइटिस, दमा, हाइपोथर्मिया, निमोनिया से पीड़‍ित लोगों में उनकी बीमारी के लक्षण बढ़ जाते हैं. खासकर बुजुर्गों में कुछ संक्रमण बढ़ जाता है.

ऐसे में बेहतर होगा ऐसे मरीज पहले से ही फ्लू का टीका लगवा लें. इससे उनको संक्रमण का खतरा कम रहेगा. जिनकी उम्र 65 वर्ष या उससे अधिक है, उनको तो टीकाकरण करवा ही लेना चाहिए. डॉ. सरीन कहते हैं कि इसके लिए जरुरी ये भी है कि लक्षणों को नजरअंदाज न करें और परेशानी आने पर डॉक्टर से संपर्क करें, क्योंकि लक्षणों को नजरअंदाज करना स्थिति को गंभीर बना सकता है.

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कैसे पहचानें कि फेफड़ों में संक्रमण बढ़ गया है

डॉ. सरीन के अनुसार सर्दी में बचाव के साथ श्वसन रोग से बचने के लिए गाड़ियों और ग्रामीण क्षेत्रों में खाना बनाने या आग सेकने के लिए किए जाने वाले धुएं के प्रदूषण को भी कम करना होगा. इसके लिए ईंधन के लिए अच्छे विकल्प का प्रयोग करें.

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