COVID-19 से ठीक होने के बाद इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए करें ये काम, जानें क्या कहती है स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन
देश में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या 55.62 लाख के पार पहुँच गयी है. इसमें से 9,75,861 एक्टिव मामले है, जिनका विभिन्न अस्पतालों की देखरेख में इलाज चल रहा है. जबकि घातक वायरस के चंगुल से 44,97,868 लोग बाहर निकल आये है.
Health ministry Guidelines for Recovered COVID-19 Patients: देश में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या 55.62 लाख के पार पहुँच गयी है. इसमें से 9,75,861 एक्टिव मामले है, जिनका विभिन्न अस्पतालों की देखरेख में इलाज चल रहा है. जबकि घातक वायरस के चंगुल से 44,97,868 लोग बाहर निकल आये है. इसके आलावा कोविड-19 से अब तक 88,935 लोगों की मौत हुई है. COVID-19 New Symptoms: क्या आप जानते हैं कोरोनावायरस के इन चार नये असामान्य लक्षणों के बारे में!
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारत का राष्ट्रीय रिकवरी दर 80% के पार पहुंच गया है. कुल रिकवरी के वैश्विक आंकड़े में भारत शीर्ष पर है. वैश्विक रिकवरी दर में भारत का योगदान 19% से अधिक है. इसके उलट मृत्यु दर प्रतिदिन गिर रही है और वर्तमान में 1.60 फीसदी है. जो की एनी देशों की तुलना में काफी बेहतर है. इसका मुख्य कारण केंद्र सरकार राज्य व केंद्रशासित प्रदेश सरकारों के साथ निकट समन्वय और सहयोग से कोविड-19 को लेकर उचित प्रतिक्रिया और उपचार प्रबंधन का नेतृत्व कर रही है. कोविड-19 से बचाव, उसकी रोकथाम और उपचार प्रबंधन के लिए कई रणनीतिक और सुविचारित उपाय किए गए हैं.
यह पाया गया है कि गंभीर कोविड-19 बीमारी के बाद भी ठीक हो चुके मरीजों में थकान, शरीर में दर्द, खांसी, गले में खराश, सांस लेने में कठिनाई सहित विभिन्न प्रकार के संकेत और लक्षण दिख सकते हैं. कोविड बीमारी के अधिक गंभीर रूप से पीड़ित और पहले से ही बीमार लोगों के ठीक होने में अधिक समय लग सकता है. जिसके मद्देनजर कोविड-19 के बाद ठीक होने वाले सभी रोगियों की आगे की जांच और उनकी सेहत की देखभाल के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ समय पहले एक गाइडलाइन जारी की. इसमें पोस्ट कोविड उपचार प्रबंधन प्रोटोकॉल उन रोगियों के लिए बताये गए है जो कोरोना से ठीक हो चुके हैं और उन्हें घर पर देखभाल की जरूरत है.
व्यक्तिगत स्तर पर-
- कोविड के लिए निर्दिष्ट उपयुक्त व्यवहार (चेहरे पर मास्क लगाना, हाथ और श्वसन स्वच्छता, एक-दूसरे से दूरी बनाए रखना) जारी रखें.
- पर्याप्त मात्रा में गर्म पानी पियें (यदि कोई विपरीत लक्षण न दिखे).
- आयुष के योग्य चिकित्सक द्वारा बताई गई रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने वाली आयुष दवाइयां लें.
- यदि स्वास्थ्य ठीक है तो नियमित रूप से घरेलू काम करें, पेशेवर काम को श्रेणीबद्ध तरीके से फिर से शुरू किया जाना चाहिए.
- हल्का / मध्यम व्यायाम.
- योगासन, प्राणायाम और ध्यान का दैनिक अभ्यास करें.
- चिकित्सक द्वारा बताए गए श्वसन संबंधी व्यायाम करें.
- हर रोज सुबह या शाम को सहने भर आरामदायक गति से चलते हुए टहलें.
- संतुलित पौष्टिक आहार, ताजे पके हुए नरम आहार लें जो आसानी से पच जाए.
- पर्याप्त नींद लें और आराम करें.
- धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें.
- कोविड और सह-रुग्णता के लिए डॉक्टर के सलाह के अनुसार नियमित दवाएं लें, डॉक्टर को खाई जा रही सभी दवाओं (एलोपैथिक / आयुष) के बारे में सूचित करें.
- घर पर स्व-स्वास्थ्य निगरानी - तापमान, रक्तचाप, रक्त शर्करा (विशेष रूप से,यदि मधुमेह से पीड़ित हों), नाड़ी ऑक्सीमेट्री आदि (यदि चिकित्सकीय सलाह दी गई हो).
- यदि लगातार सूखी खांसी / गले में खराश है तो नमक मिले गर्म पानी से गरारा करें और भाप की सांस लें. खांसी की दवाइयां मेडिकल डॉक्टर या आयुष के योग्य चिकित्सक की सलाह पर लेनी चाहिए.
- तेज बुखार, सांस की तकलीफ, एसपीओ2 <95%, सीने में असहनीय दर्द, भ्रम की नई शुरुआत, आंखों की कमजोरी जैसी शुरुआती चेतावनी संकेतों पर नज़र रखें.
समुदाय के स्तर पर-
- कोविड बीमारी से ठीक होने वाले लोगों को इसके बारे में आम लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए सोशल मीडिया के जरिए अपने दोस्तों, रिश्तेदारों, समुदाय के प्रभावी लोगों, मत निर्माताओं, धार्मिक नेताओं को अपने सकारात्मक अनुभव साझा करने चाहिए ताकि इससे जुड़े मिथकों और कलंक को दूर किया जा सके.
- बीमारी से ठीक होने और पुनर्वास प्रक्रिया (चिकित्सा, सामाजिक, व्यावसायिक, आजीविका) के लिए समुदाय आधारित स्व-सहायता समूहों, नागरिक समाज संगठनों और योग्य पेशेवरों की सहायता लें.
- सहकर्मियों, सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, परामर्शदाताओं से मनो-सामाजिक सहायता लें. यदि आवश्यक हो तो मानसिक स्वास्थ्य सहायता सेवा लें.
- एक दूसरे से दूरी बनाए रखने जैसी सभी सावधानी बरतते हुए योग, ध्यान आदि के समूह सत्रों में भाग लें.
स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों में-
- पहली आगे की जांच (फॉलो-अप) (शारीरिक / टेलीफ़ोनिक) अस्पताल से छुट्टी मिलने के 7 दिनों के भीतर उसी अस्पताल से कराएं जहां इलाज हुआ हो.
- पहले फॉलो-अप के बाद का उपचार / आगे की जांच निकटतम योग्य एलोपैथिक / आयुष चिकित्सक / चिकित्सा प्रणाली की अन्य चिकित्सा केंद्र में हो सकती हैं. कई तरह की चिकित्सा पद्धति वाली दवाइयां एक साथ लेने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे शरीर पर गंभीर प्रतिकूल घटना (एसएई) या प्रतिकूल प्रभाव (एई) हो सकता है.
- जिन रोगियों का घर में पृथकवास पर उपचार किया गया यदि उन्हें कोई लक्षण लगातार दिखते हों तो वे निकटतम स्वास्थ्य सुविधा केंद्र जा सकते हैं.
- गंभीर देखभाल सहायता की आवश्यकता वाले गंभीर मामलों में और अधिक सतर्कता के साथ फॉलो अप की जरूरत होगी.
उल्लेखनीय है कि देश में पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के 75,083 नए मामले सामने आए हैं. जबकि 1,053 संक्रमितों ने दम तोड़ा है.