Erectile Dysfunction Issue Solved: अब पुरुषों को Sex करने में नहीं होगी दिक्कत, Bionic Penis से पार्टनर को लंबे समय तक दे सकेंगे चरम सुख

वैज्ञानिकों द्वारा एक बायोनिक सुअर का लिंग बनाया गया है, जो भविष्य में मनुष्यों में स्तंभन दोष का इलाज करने में मददगार साबित हो सकता है. दरअसल, वैज्ञानिकों द्वारा युवा नर सूअरों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि एक घायल या बीमार यौन अंग एक कृत्रिम म्यान के साथ इलाज के बाद सही हो सकता है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit : Twitter)

Erectile Dysfunction Issue Solved: वैज्ञानिकों द्वारा एक बायोनिक सुअर का लिंग (Bionic Pig Penis) बनाया गया है, जो भविष्य में मनुष्यों में स्तंभन दोष (Erectile Dysfunction) का इलाज करने में मददगार साबित हो सकता है. दरअसल, वैज्ञानिकों द्वारा युवा नर सूअरों (Male Pig) पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि एक घायल या बीमार यौन अंग (Sexual Organ) एक कृत्रिम म्यान (Artificial Sheath) के साथ इलाज के बाद सही हो सकता है और बना रह सकता है. इसके साथ ही पुरुष अपनी पार्टनर को लंबे समय तक चरम सुख दे सकते हैं. शोधकर्ताओं ने कहा कि 40 से 70 वर्ष की उम्र के बीच लगभग 50 फीसदी पुरुषों को किसी न किसी रूप में स्तंभन दोष यानी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का अनुभव होता है और लगभग पांच फीसदी पुरुष पेरोनी (Peyronie) रोग से पीड़ित हैं.

पेरोनी की बीमारी, आमतौर पर सेक्स के दौरान चोट लगने के कारण होती है, जिसमें पेनाइल टिश्यू के रेशेदार म्यान को नुकसान होता है, जिसे ट्यूनिका अल्बुगिनिया (Tunica Albuginea) के रूप में जाना जाता है, जो इरेक्शन को बनाए रखता है. दक्षिण चीन प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के एक अध्ययन लेखक डॉ जुएताओ शि (Dr Xuetao Shi) ने कहा कि यह एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर थोड़ा ध्यान दिया गया है, फिर भी संबंधित आवश्यकता बहुत बड़ी है.

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शिश्न (Penises) में एक ट्यूनिका अल्ब्यूजिना होता है जो यह सुनिश्चित करता है कि अंग में रक्त बना रहे और यह इसे लिंग से बाहर निकलने और शरीर के बाकी हिस्सों में वापस जाने से रोकता है. जब यह कमजोर हो जाता है, तो उम्र या चोट के कारण, वांछित स्थान पर रक्त नहीं रहता है, जिसके चलते परफॉर्मेंस और सहनशक्ति कम हो जाती है. यह भी पढ़ें: Omicron Affects On Penis: ओमिक्रोन प्राइवेट पार्ट को कर सकता है प्रभावित, पुरुषों का लिंग सिकुड़ने के अलावा हो सकती है ये दिक्कत

अनुसंधान समूह ने एक कृत्रिम ट्यूनिका अल्बुगिनिया (एटीए) बनाया. वैज्ञानिकों की मानें तो हाइड्रोजेल प्राकृतिक या सिंथेटिक हो सकते हैं और कॉन्टेक्ट लेंस व टिशू इंजीनियरिंग सहित बायोमेडिकल अनुप्रयोगों की बढ़ती संख्या के लिए उपयोग किए जा रहे हैं.

जर्नल मैटर में प्रकाशित अपने पेपर में वैज्ञानिकों ने पाया कि नई सामग्री से बने पैच पेनाइल फंक्शन और इरेक्शन को पूरी तरह से बहाल करने में सक्षम थे. इस अध्ययन के लेखक लिखते हैं कि घायल हिस्से पर एटीए लगाने के बाद लिंग का निर्माण सामान्य हो गया और दीर्घकालीन पूर्वानुमान संतोषजनक था. यह भी पढ़ें: Does Penis Size Matter: क्या सेक्स के लिए पेनिस साइज रखता है अत्यधिक महत्व? जानें इसके बारे में कैसी है महिलाओं की पसंद

वे कहते हैं कि प्रक्रिया ने संरचनात्मक बायोनिक डिजाइन के माध्यम से उत्कृष्ट प्रदर्शन हासिल किया, क्योंकि यह ‘तेजी से तनाव सख्त’ और ‘उच्च विस्फोट दबाव’ में सक्षम था. डॉ शि ने आगे कहा कि प्रक्रिया के एक महीने बाद परिणाम दिखाते हैं कि एटीए समूह ने अच्छा प्रदर्शन किया.

शोधकर्ताओं ने कहा कि अध्ययन में इस्तेमाल किए गए बामा लघु सूअरों में मानव शिश्न के समान शिश्न की शारीरिक रचना और आकार होता है. अध्ययन के परिणाम यह दिखाते हैं कि यह स्तंभन दोष के इलाज में मददगार साबित हो सकता है.

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