Coronavirus Health Tips: होम आइसोलेशन में भी डॉक्टर की सलाह पर ही लें कोई दवा, खुद का करें निरक्षण
कोरोना वायरस की वैक्सीन अभी नहीं आयी है, लेकिन कई दवाइयां और एंटीवायरल टैबलेट्स कोरोना मरीजों को दी जा रही हैं, जिनसे मरीज ठीक भी हो रहे हैं. ऐसे में कई लोग कोरोना के लक्षण आने पर बिना डॉक्टर की सलाह के दवाइयों का सेवन करने लगते हैं या संक्रमित के संपर्क मात्र आने पर ही दवाइयां खाने लगते हैं.
Coronavirus Health Tips: कोरोना वायरस की वैक्सीन (Vaccine) अभी नहीं आयी है, लेकिन कई दवाइयां और एंटीवायरल टैबलेट्स कोरोना मरीजों को दी जा रही हैं, जिनसे मरीज ठीक भी हो रहे हैं. ऐसे में कई लोग कोरोना के लक्षण आने पर बिना डॉक्टर की सलाह के दवाइयों का सेवन करने लगते हैं या संक्रमित के संपर्क मात्र आने पर ही दवाइयां खाने लगते हैं. आरएमएल हॉस्पिटल, नई दिल्ली के डॉ. ए के वार्ष्णेय की मानें तो ऐसा करना बेहद खतरनाक है.
प्रसार भारती से बातचीत में डॉ. वार्ष्णेय ने कहा कि अगर कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित के संपर्क में आये हैं और खुद को क्वारनटाइन कर लिया है तो बहुत अच्छा है. अंगर संक्रमण होगा तो 4-5 दिन या फिर 10 दिन के अंदर लक्षण दिखाई दे जाएंगे. खुद का निरक्षण करें, बुखार, खांसी, शरीर में दर्द, थकान आ रही है, तो वायरस हो सकता है. ऐसे में कोरोना की जांच करायें. उसके बाद डॉक्टर के निर्देशानुसार दवाई लें. अब तो जो लोग पॉजिटिव होते हैं, उन्हें भी घर पर होम आइसोलेशन के लिया कहा जा रहा है और वो ठीक भी हो जाते हैं.
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टेस्टिंग नंबर में रिपीट टेस्ट भी शामिल
वहीं कोरोना टेस्टिंग में भारत आगे निकलता जा रहा है, अब तक हुए 3.76 करोड़ कोरोना टेस्ट किये जा चुके हैं. ऐसे में कई लोगों का पूछना है कि क्या सभी टेस्ट पर व्यक्ति के हैं या कई लोगों के रिपीट टेस्ट भी शामिल हैं. इस पर उन्होंने कहा कि शुरुआती गाइडलाइन के अनुसार एक बार पॉजिटिव आने के बाद 14 दिन के भीतर दो बार टेस्ट करते थे और नेगेटिव आने पर ही डिस्चार्ज करते थे.
बाद में गाइडलाईन आयी कि एक बार व्यक्ति के टेस्ट होने के बाद अगर 14 दिन में लक्षण नहीं बढ़ते हैं और वो ठीक हो जाते हैं तो फिर टेस्ट नहीं करना है. वो खुद ही ठीक हो जाते हैं. कई बार ऐसे मरीज होते हैं, जिनमें एक बार टेस्ट नेगेटिव आता है और दोबारा करने पर पॉजिटिव आता है. इसलिये इसमें मल्टीपल टेस्ट के नंबर भी शामिल होंगे.
सर्दी में वायरस का कितना होगा प्रभाव
वायरस पर मौसम के प्रभाव पर सवाल के जवाब में डॉ; वार्ष्णेय ने कहा कि कोरोना वायरस लगातार 1 घंटे तक 60 डिग्री सेल्सियस पर रहने पर ही मरता है. कहीं पर भी इतना तापमान नहीं होता. मौसम के प्रभाव की बात करें तो सर्दी, गर्मी का वायरस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. सिर्फ खुद को सुरक्षित रखना है, चाहे कोई भी मौसम हो. जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती तब तक सोशल डिस्टेंसिंग रखें.