Amazing Benefits of Giloy: आयुर्वेदिक जड़ी बूटी गिलोय के सेवन से होते हैं ये अद्भुत स्वास्थ फायदे

गिलोय एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, जिसका उल्लेख आयुर्वेद में है और इसका उपयोग सदियों से चिकित्सा में किया जाता है. गिलोय को वैज्ञानिक रूप से हिंदी में टीनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया या गुडूची के नाम से जाना जाता है.

गिलोय के फायदे, (फोटो क्रेडिट्स: इन्स्टाग्राम)

गिलोय एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, जिसका उल्लेख आयुर्वेद में है और इसका उपयोग सदियों से चिकित्सा में किया जाता है. गिलोय को वैज्ञानिक रूप से हिंदी में टीनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया (Tinospora Cordifolia) या गुडूची (Guduchi) के नाम से जाना जाता है. गिलोय के तने को इसकी उच्च पोषण कंटेंट और इसमें पाए जाने वाले एल्कलॉइड्स के कारण अत्यधिक प्रभावी माना जाता है लेकिन जड़ और पत्तियों का भी उपयोग किया जा सकता है. चरक संहिता के एक श्लोक के अनुसार, गिलोय कड़वे स्वाद वाली मुख्य जड़ी-बूटियों में से एक है. इसका उपयोग विभिन्न विकारों में किया जाता है, यह वात और कफ दोष को कम करने में भी मदद करता है.

संस्कृत में गिलोय को 'अमृता ’के रूप में जाना जाता है, जिसका शाब्दिक अर्थ है 'अमरता; इसे अमृता इसलिए कहा गया है क्योंकि इसमें प्रचुर मात्रा में औषधीय गुण हैं. “गिलोय का तना अधिकतम उपयोगिता वाला है, लेकिन इसकी जड़ों का उपयोग भी किया जाता है. इसके लाभ और उपयोग को एफडीए (खाद्य और औषधि प्रशासन) ने भी अप्प्रूव किया है. विशेषज्ञों के अनुसार गिलोय का रस, पाउडर या कैप्सूल के रूप में सेवन किया जा सकता है. बहुत से लोग पारंपरिक काढ़े में भी गिलोय का इस्तेमाल करते हैं. यहां हम आपको गिलोय के कुछ स्वास्थ्य लाभ के बारे में बताएंगे, जिन्हें आपको आपको अवश्य जानना चाहिए. यह भी पढ़ें: हरी धनिया का सेवन करने पर आप भी हो जाएंगे मजबूर, जब जानेंगे इसके ये 10 सेहतमंद फायदे

गिलोय का सेवन कैसे करें?

आयुर्वेद के अनुसार, गिलोय का सेवन या तो चूर्ण के रूप में किया जा सकता है, काढ़ा या रस के रूप में भी किया जा सकता है. आजकल यह कैप्सूल और रेडीमेड पाउडर में भी उपलब्ध है.

1. क्रोनिक बुखार का इलाज करता है:

गिलोय क्रोनिक बुखार से छुटकारा पाने में मदद करता है. चूंकि गिलोय प्रकृति एंटी-पायरेटिक है, इसलिए यह डेंगू, स्वाइन फ़्लू और मलेरिया जैसी कई बीमारियों में लाभकारी साबित हो सकता है. आयुर्वेद में बुखार के दो कारकों के बारे में उल्लेख है. पहला अमा (अनुचित पाचन के कारण शरीर में विषाक्त रहता है) और दूसरा कुछ विदेशी कणों (foreign particles) के कारण होता है. गिलोय जीर्ण, आवर्तक बुखार में आश्चर्यजनक रूप से कार्य करता है. यह एक एंटी इन्फ्लेमेट्री (anti-inflammatory), ज्वरनाशक जड़ी बूटी (antipyretic herb) है जो संक्रमण से लड़ने के लिए आपकी प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद करता है और जल्दी ठीक होने में भी मदद करता है.

2: डेंगू बुखार के लिए गिलोय:

गिलोय एक ज्वरनाशक जड़ी बूटी है. यह डेंगू बुखार में प्लेटलेट काउंट में सुधार करता है और जटिलताओं की संभावना को कम करता है. गिलोय के नियमित सेवन से डेंगू के दौरान प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है और तेजी से रिकवरी भी होती है. बेहतर परिणामों के लिए गिलोय के रस को तुलसी के कुछ पत्तों के साथ उबालें और प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए पिएं. यह भी पढ़ें: किसी कारगर औषधि से कम नहीं है करी पत्ता, जानिए इसके कमाल के हेल्थ बेनेफिट्स

3: घास बुखार के लिए गिलोय:

गिलोय को घास का बुख़ार में भी उपयोगी माना जाता है जिसे एलर्जिक राइनाइटिस भी कहा जाता है. यह बहती नाक, छींकने, नाक में रुकावट, आंखों में पानी आना जैसे लक्षणों को कम करता है. तापमान को कम करने के लिए एक चम्मच गिलोय पाउडर को शहद के साथ मिलाकर भोजन से पहले खाएं.

4: कोरोना-वायरस संक्रमण के लिए गिलोय:

गिलोय प्रतिरक्षा को बढ़ा सकता है इसलिए यह विभिन्न बुखार के लिए विशेष रूप से वायरल बुखार जैसे कोरोना संक्रमण के लिए उपयोगी हो सकता है. हालांकि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि गिलोय कोरोना संक्रमण को ठीक कर सकता है लेकिन यह इसके खिलाफ लड़ने के लिए आपकी प्रतिरक्षा बढ़ा सकता है. आप गिलोय काढ़ा या गिलोय का रस प्रति दिन दो बार 4-6 सप्ताह तक ले सकते हैं.

5. नेत्र-दृष्टि में सुधार करता है:

आंखों की दृष्टि में सुधार के लिए गिलोय बहुत प्रभावी है. यह आमतौर पर पंचकर्म में उपयोग किया जाता है. आपको बस गिलोय पाउडर या गिलोय के पत्तों को पानी में उबालना है, एक बार ठंडा होने के बाद इसे आंखों पर लगाएं. यह भी पढ़ें: हरी मिर्च को जरूर बनाएं अपने डेली डायट का हिस्सा, होंगे ये सेहतमंद फायदे

गिलोय जड़ी बूटी का कोई दुष्प्रभाव नहीं है. हालांकि, जब गिलोय को अन्य मधुमेह की दवाओं के साथ लिया जाता है, तो इससे रक्त शर्करा का स्तर कम हो सकता है. गिलोय प्रतिरक्षा प्रणाली को अधिक सक्रिय बनाता है.

नोट- इस लेख में दी गई सेहत से जुड़ी तमाम जानकारियों को सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है. इसे किसी बीमारी के इलाज या फिर चिकित्सा सलाह के लिए प्रतिस्थापित नहीं किया जाना चाहिए और लेख में बताए गए टिप्स पूरी तरह से कारगर होंगे इसका हम कोई दावा नहीं करते हैं, इसलिए लेख में दिए गए किसी भी टिप्स या सुझाव को आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.

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