Gudi Padwa 2021: गुड़ी पड़वा पर अपने हाथो में रचाएं ये खूबसूरत मेहंदी डिजाइन, देखें Video

गुडी पडवा का त्यौहार बहुत खास होता है, इस त्यौहार को महाराष्ट्र एवं गोवा के लोग बड़े धूम -धाम से मानते है. इस दिन को महाराष्ट्र एवं गोवा के लोग नववर्ष भी मनाते है. महाराष्ट्र एवं गोवा के लोग इस दिन अपने घरों के बाहर गुड़ी फहराते हैं. इस दिन महिलाएं खूब सज धज कर पूजा- पाठ करती है. महिलाएं श्रृंगार करने के साथ साथ मेहँदी भी लगाती है.

मेहंदी डिजाइन (Photo Credits: Instagram)

गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa 2021) का त्यौहार बहुत खास होता है, इस त्यौहार को महाराष्ट्र एवं गोवा के लोग बड़े धूम -धाम से मानते है. इस दिन को महाराष्ट्र एवं गोवा के लोग नववर्ष भी मानते हैं. महाराष्ट्र एवं गोवा के लोग इस दिन अपने घरों के बाहर गुड़ी फहराते हैं. इस दिन महिलाएं खूब सज धज कर पूजा- पाठ करती है. महिलाएं श्रृंगार करने के साथ साथ मेहंदी भी लगाती हैं. जिससे उनकी सुंदरता और बढ़ जाती है. इसलिए हम इस त्यौहार पर आपके लिए ले आए हैं मेहंदी की कुछ खास डिजाईन जो आपके मन को मोह लेंगी और आपकी सुन्दरता में चार चांद लगा देंगी. यह मेहंदी डिजाईन सरल होने के साथ-साथ बहुत सुन्दर और भरी हुई है जो आपके समय को बचाते हुए अच्छा लुक देगी. मेहंदी बहुत ही शुभ होती है, इसलिए महिलाएं एवं लड़कियां इसे हर त्यौहार पर लगाती हैं.

क्या है गुड़ी पड़वा का त्यौहार :

इस बार गुड़ी पड़वा का त्यौहार चैत्र मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाएगा. इस त्यौहार को महाराष्ट्र एवं गोवा के लोग बड़े ही धूमधाम से मानते है. इस दिन श्रीराम की अयोध्या वापसी के बाद इसी दिन उनका राज्याभिषेक किया गया था. इसी दिन से चैत्रीय नवरात्रि भी शुरू होती है. इस दिन से नौ दिनों तक माँ दुर्गा की उपासना की जाती है.

हैप्पी गुड़ी पड़वा (Photo Credits: File Image)

 

गुड़ी पड़वा 2021 का शुभ मुहूर्त:

प्रतिपदा तिथि 12 अप्रैल, प्रातः 08.00 बजे से शुरु

प्रतिपदा तिथि समाप्त 13 अप्रैल दिन 10.16 बजे तक

मेहंदी का महत्व :

गुड़ी पड़वा के त्यौहार से सारे शुभ कार्य शुरू होते है. इस त्यौहार पर मेहंदी लगाना बड़ा शुभ होता है. इससे त्योहारों की शुभता दोगुना बढ़ जाती है. हम आपके लिए ले आए हैं कुछ खास मेहंदी डिजाईन जो खूबसूरत तो हैं ही साथ ही आपका समय भी बचाएंगे.

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मेहंदी डिजाइन (Photo Credits: Instagram)

गुड़ी पड़वा का पर्व चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाता है. इसे वर्ष प्रतिपदा या उगादि भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि गुड़ी पड़वा यानि वर्ष प्रतिपदा के दिन ही ब्रम्हा जी ने संसार का निर्माण किया था. गुड़ी पड़वा को हिन्दू नववर्ष की शुरुआत माना जाता है, यही कारण है कि हिन्दू धर्म के सभी लोग इसे अलग-अलग तरह से पर्व के रूप में मनाते हैं.

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