Gomukhasana for Stress Relief: तनाव, चिंता और अनिद्रा से राहत देता है गोमुखासन, जान लें इसे करने का सही तरीका

नई दिल्ली, 28 नवंबर : बदलता मौसम और व्यस्त दिनचर्या कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं की वजह बन सकते हैं. हालांकि, योगासन को दिनचर्या में शामिल कर मन और शरीर दोनों को स्वस्थ रखा जा सकता है. ऐसे ही एक योगासन का नाम गोमुखासन है. मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा, गोमुखासन को बेहद फायदेमंद योगासन बताते हुए करने की सही विधि भी बताता है. इसका नियमित अभ्यास कंधों, छाती, रीढ़ की हड्डी और पैरों को लचीला बनाता है और तनाव के साथ थकान को भी दूर करता है.

एक्सपर्ट के अनुसार, गोमुखासन के नियमित अभ्यास से कंधों और पीठ के ऊपरी हिस्से में जकड़न दूर होती है. फेफड़े पूरी तरह खुलते हैं. यह डायबिटीज के मरीजों के लिए विशेष लाभकारी है क्योंकि यह अग्न्याशय को उत्तेजित करता है. साथ ही तनाव, चिंता और अनिद्रा में भी राहत मिलती है. यह भी पढ़ें : Maharashtra: फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र मिलने पर दर्ज होगी एफआईआर, 14 संवेदनशील जगहों की हुई पहचान

गोमुखासन करने की विधि बहुत सरल है. सबसे पहले फर्श पर सीधे बैठ जाएं और दोनों पैर आगे की ओर फैला कर दंडासन मुद्रा में बैठें. रीढ़ की हड्डी पूरी तरह सीधी रखें. अब बायां पैर मोड़ें और उसकी एड़ी को दाहिने कूल्हे के पास रख दें. फिर दाहिना पैर मोड़कर उसकी एड़ी बाएं कूल्हे के पास रखें, इस तरह दाहिना घुटना बाएं घुटने के ठीक ऊपर आएगा. अब दाहिना हाथ कंधे के ऊपर से पीठ के पीछे ले जाएं और बायां हाथ कमर के नीचे से पीठ के पीछे ले जाकर दोनों हाथों की उंगलियां आपस में फंसाएं. जितना आराम से हो सके, हाथों को एक-दूसरे की ओर खींचें. नजरें सामने रखें, रीढ़ सीधी रखें और सामान्य गहरी सांस लें. इस स्थिति में 20-25 सेकंड तक रुकें. रोजाना कुछ मिनट करने से कंधे, छाती और कमर में लचीलापन आता है.

गोमुखासन का अभ्यास महिलाओं के लिए भी बेहद फायदेमंद है. पीरियड्स में होने वाली समस्याओं में यह आसन राहत देता है. गोमुखासन एक सरल आसन है, जिसके अभ्यास से कई लाभ मिलते हैं, हालांकि योग एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि शुरुआत में अगर हाथ पीठ पर नहीं मिल पाते तो रुमाल या पट्टी की मदद ली जा सकती है. कंधे या घुटने की गंभीर चोट वाले लोगों को डॉक्टर या योग प्रशिक्षक की सलाह जरूर लेनी चाहिए.