मुंबई, 28 नवंबर : महाराष्ट्र सरकार के राजस्व विभाग ने राज्य भर में नागरिक निकाय की ओर से कथित रूप से जारी किए जा रहे फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र पर बड़ी कार्रवाई शुरू करते हुए एफआईआर करने का आदेश दिया है. महाराष्ट्र सरकार में राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने गुरुवार को अधिकारियों को आदेश दिए कि वे आधार कार्ड के आधार पर जारी किए गए सभी संदिग्ध प्रमाण पत्र को तुरंत निरस्त करें और बिना देर किए पुलिस में शिकायत दर्ज करें.
चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा, "नकली जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र का गलत इस्तेमाल सरकारी लाभों का फायदा उठाने, जमीन कब्जा करने और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए किया जा रहा है. हम इस गिरोह को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. प्रदेश में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, जो भी लोग इसमें दोषी होंगे, उन पर कार्रवाई होगी." यह भी पढ़ें : सशक्त आत्मा ही विश्व एकता की संकल्पना को साकार करने की आधारशिला: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
बता दें कि यह कदम राज्य में बांग्लादेशी नागरिकों के अवैध रूप से रहने के खिलाफ बढ़ते अभियान के बाद उठाया गया है. हाल ही में बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के दो कर्मचारियों को इसी प्रकार की गड़बड़ियों के सिलसिले में निरस्त किया गया था.
राजस्व विभाग ने सभी तहसीलदारों, सब-डिविजनल ऑफिसर्स, जिलाधिकारी और संभागीय आयुक्त को 16-बिंदुओं की एक पूरी वेरिफिकेशन गाइडलाइन जारी की है. इस गाइडलाइन में साफ निर्देश दिए गए हैं कि आधार कार्ड को जन्म या मृत्यु प्रमाणपत्र के रूप में अकेले स्वीकार नहीं किया जा सकता है. इसके अलावा, 11 अगस्त 2023 के संशोधन के बाद राजस्व विभाग में कनिष्ठ या सहायक अधिकारी की ओर से जारी किए गए सभी जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन आदेश को तुरंत वापस लिया जाए और निरस्त किया जाए.
नई गाइडलाइनों के अनुसार, यदि किसी जन्म या मृत्यु के प्रमाणपत्र में आधार कार्ड पर दी गई जानकारी और आवेदन की जानकारी में अंतर पाया जाता है, तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज की जाएगी. इसके साथ ही राजस्व विभाग ने 14 संवेदनशील जगह क्षेत्रों की पहचान भी की है, जिनमें अमरावती, अकोला, सिल्लोड, छत्रपति संभाजीनगर और अन्य जगहों पर अब कड़ी निगरानी रखी जा रही है.













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