सनातन धर्म के अनुसार प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ मास की शुक्लपक्ष की एकादशी के दिन माता गायत्री का जन्म दिन मनाया जाता है. इस दिन को गायत्री जयंती (Gayatri Jayanti) के नाम से पुकारा जाता है. इस वर्ष 21 जून 2021 दिन सोमवार को गायत्री जयंती मनाई जायेगी. आइए जानते हैं गायत्री जयंती का महात्म्य, पूजा विधि और पूजा मुहूर्त के बारे में.
माता गायत्री का महात्म्य
धर्म ग्रंथों में माता गायत्री के 5 मुख और 10 हाथ वर्णित हैं. उनके 4 मुखों को चारों वेद के प्रतीक माना गया है, तथा उनके 10 हाथ भगवान विष्णु के प्रतीक हैं. माता गायत्री को ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं की आराध्य भी माना जाता है. इसलिए इन्हें देवमाता भी कहते हैं. समस्त ज्ञान की देवी भी गायत्री हैं, इस कारण माता गायत्री को ज्ञान-गंगा भी कहा जाता है. मां पार्वती, सरस्वती, लक्ष्मी की अवतार भी गायत्री को कहा जाता है. मान्यता है कि गायत्री मंत्र का जाप करने से चारों वेदों के समान फल मिलता है, तथा जातक के सारे भौतिक एवं दैहिक ताप मिट जाते हैं, मन को शांति मिलती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. यह भी पढ़ें : Happy Ganga Dussehra 2021 Messages: हैप्पी गंगा दशहरा! दोस्तों-रिश्तेदारों संग शेयर करें ये शानदार हिंदी Facebook Greetings, WhatsApp Wishes और GIF Images
पूजा विधि
एकादशी के दिन प्रातःकाल उठकर सूर्योदय से पूर्व स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र पहनें और माता गायत्री का ध्यान कर व्रत एवं पूजा का संकल्प लें. घर में मंदिर की अच्छी तरह सफाई कर मंदिर में गंगाजल छिड़कें इसके बाद सारे देवी देवताओं के साथ माता गायत्री की तस्वीर स्थापित कर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें और विधि सम्मत से पूजा करें. माता गायत्री के सामने धूप दीप प्रज्जवलित कर उन पर पुष्प, अक्षत, जल, रोली इत्यादि अर्पित करें. और मिठाई तथा मौसमी फल प्रसाद के रूप में चढ़ाएं. पूजा के दरम्यान माता गायत्री के निम्न मंत्रों का जाप अवश्य करें. पूजा के पश्चात गरीबों को दान अवश्य करें.
गायत्री मंत्र-
‘ऊं भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वेरण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्’.
गायत्री जयंती शुभ मुहूर्त
एकादशी प्रारंभः 04.21 बजे से (20 जून रविवार 2021)
एकादशी समाप्तः 01.31 बजे तक ( 21 जून दिन सोमवार 2021) तक