Ganesh Chaturthi 2019: दो सितंबर से शुरू हो रहा है गणेश उत्सव, जानें क्यों बाल गंगाधर तिलक ने मनाया था पहली बार यह त्यौहार
देश में दो सितंबर से गणेश स्थापना के साथ गणेशोत्सव की शुरुआत हो रही है. जो देशभर में अगले दस दिनों तक धूमधाम से मनाई जाएगी. इस दौरान कई लोग अपने घरों में गणपति की स्थापना करते हैं और उनकी अराधना करते हैं. गणपति की स्थापना लोग अपनी क्षमता के अनुसार तीन, पांच, सात और दस दिन के लिए करते हैं.
देश में दो सितंबर से गणेश स्थापना के साथ गणेशोत्सव की शुरुआत हो रही है. जो देशभर में अगले दस दिनों तक धूमधाम से मनाई जाएगी. इस दौरान कई लोग अपने घरों में गणपति की स्थापना करते हैं और उनकी अराधना करते हैं. गणपति की स्थापना लोग अपनी क्षमता के अनुसार तीन, पांच, सात और दस दिन के लिए करते हैं.
गणेशोत्सव की परंपरा की कैसे हुई शुरुआत:
माना जाता है कि पेशवा सवाई माधवराव के शासन काल में पुणे के प्रसिद्ध शनिवारवाड़ा नामक राजमहल में भव्य गणेशोत्सव मनाया जाता था. लेकिन अंग्रेजों के शासन काल में इसकी चमक फीकी पड़ने लगी थी. जिसके बाद भारत के स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक ने इस त्यौहार को देश की स्वतंत्रता में लोगों को एकजुट करने के लिए प्रयोग में लाया जो अब धीरे-धीरे पूरे महाराष्ट्र में लोकप्रिय हो गई है. यह भी पढ़ें- Ganpati Visarjan 2019 Dates: गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक, जानिए गणेशोत्सव के दौरान गणपति विसर्जन की महत्वपूर्ण तिथियां
क्यों मनाया जाता है 10 दिनों तक गणेशोत्सव:
अंग्रेजी शासन काल में बस भारतीयों पर ही नही बल्कि भारतीय संस्कृतियों पर भी अंग्रेजी सेना की चाबुक चल रही थी. ईस्ट इंडिया कंपनी भारतीय संस्कृति को रौदनें पर उतारू थी ऐसे में उस समय के महान क्रांतिकारी व जननेता लोकमान्य तिलक ने सोचा कि हिंदू धर्म को कैसे संगठित किया जाए? लोकमान्य तिलक ने विचार किया कि श्री गणेश जी ही एकमात्र ऐसे देवता हैं जो देश में समाज के सभी स्तरों में पूजे जाते हैं.
इसके बाद उन्होंने हिंदुओं को एकत्र करने के लिए पुणे में सन 1893 में गणेशोत्सव का आयोजन किया. तिलक ने उस समय यह तय किया कि भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी से भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी (अनंत चतुर्दशी) तक गणेश उत्सव मनाया जाए और तब से पूरे महाराष्ट्र में यह उत्सव 11 तक मनाया जाने लगा. महाराष्ट्र के बाद धीरे-धीरे यह त्यौहार पुरे देश में फैल गया और अब यह त्यौहार और देशो में भी फल फुल रहा है.