क्या खाद्य पदार्थों से हो सकता है कोरोना वायरस?

कोरोना वायरस महामारी का संक्रमण लगातार फैलता जा रहा है. जिसके कारण सभी के मन में मानव सहित खानपान की चीजों को लेकर भी दर बैठ गया है. उपभोक्ता खानपान के सामान खरीदनें के बाद कोरोना महामारी के प्रभाव से बचानें के लिए उन्हें भी सैनिटाइज करते है. चर्चाओं ने खाद्य उद्योग द्वारा आवाज उठाई गई अधिकांश चिंताओं और चुनौतियों का समाधान करने में मदद की.

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली, 21 सितंबर: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी का संक्रमण लगातार फैलता जा रहा है. जिसके कारण सभी के मन में मानव सहित खानपान की चीजों को लेकर भी दर बैठ गया है. उपभोक्ता खानपान के सामान खरीदनें के बाद कोरोना महामारी के प्रभाव से बचानें के लिए उन्हें भी सैनिटाइज करते है. इसी के कारण 'भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण' (Food Safety and Standards Authority of India) द्वारा गठित एक समिति का गठन किया गया, जिसमें कहा गया कि, "अबतक खानेवाली चीजों से किसी भी तरह का संक्रमण नही फैला है, इस बारे में लोकसभा को शुक्रवार को सूचित किया गया था. यह भी बताया गया कि कोरोना वायरस प्रभावित देशों से भारत में आयात किया जाने वाला भोजन मानव उपभोग के लिए सुरक्षित है."

चीन और अन्य देशों में वैश्विक महामारी के प्रकोप और इन देशों से आयातित खाद्य पदार्थों की सुरक्षा को लेकर FSSAI ने इन देशों में आयत खाद्य पदार्थों में कोरोनावायरस की उपस्थिति की संभावना की जांच करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया था और इस संबंध में चर्चा कर उसके समाधान पर भी विचार-विमर्श किया गया. स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने अपने लिखित जवाब में कहा कि, "समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अब तक कोरोनोवायरस के खाद्य जनन के लिए कोई निर्णायक सबूत नहीं है और निष्कर्ष निकाला है कि भारत में कोरोनोवायरस प्रभावित देशों से आयात किया गया भोजन सुरक्षित है."

यह भी पढ़ें: Miracle Cure’ for COVID-19? कोरोना महामारी से लड़ने के लिए ऑनलाइन बेचा जा रहा है ‘चमत्कारी इलाज’? FDA ने जारी की चेतावनी

समिति ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) जैसे वैश्विक संगठनों की सलाह के साथ सहमति व्यक्त की कि कोरोना के संचरण के प्रमुख मार्ग मानव-से-मानव प्रतीत होते हैं. विशेषज्ञ समिति के निष्कर्षों के प्रकाश में, इस संबंध में उपभोक्ताओं और आम जनता की चिंताओं को दूर करने के लिए FSSAI द्वारा 5 मार्च को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई थी. सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों को 6 मार्च के पत्र की वीडियोग्राफी करने की सलाह दी गई ताकि किसी भी झूठे प्रचार का मुकाबला करने के लिए उपभोक्ताओं और आम जनता को सही जानकारी प्रसारित करने के लिए उचित कदम उठाए जा सकें.

लॉकडाउन के दौरान, खाद्य पदार्थों और खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं (एनसीआर और कोलकाता में राष्ट्रीय खाद्य प्रयोगशालाओं और एफएसएसएआई मान्यता प्राप्त निजी प्रयोगशालाओं) के आयात को आवश्यक सेवाओं के रूप में वर्गीकृत किया गया था और नियमित आयात निकासी प्रक्रिया का पालन किया गया था.

FSSAI ने जनता और खाद्य व्यवसाय संचालकों को सुरक्षित खाद्य पदार्थों के बारे में जानकरी देने के लिए कई कदम उठाए. कोरोना वायरस महामारी के दौरान खाद्य व्यवसायों के लिए स्वच्छता और सुरक्षा के तहत दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. सुरक्षित खाद्य पद्धतियों के पालन करने वाले नागरिकों के लिए 'ईट राइट' के दौरान कोविड19 पर एक ई-हैंडबुक, स्वास्थ्य और पोषण पर कई दिशानिर्देश जारी किए गए. इस महामारी के बीच सूचना का प्रसार करने के लिए FSSAI सोशल मीडिया का बड़े पैमाने पर उपयोग किया साथ ही कोरोना वायरस के दौरान खाने पर सार्वजनिक जागरूकता को भी शामिल किया.

FSSAI ने अपने प्रमुख खाद्य सुरक्षा प्रशिक्षण और प्रमाणन कार्यक्रम कोविड19 के दौरान खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता प्रथाओं की अनिवार्यताओं पर खाद्य संचालकों के लिए एक ऑनलाइन प्रशिक्षण मॉड्यूल के माध्यम से पहल की. खाद्य प्राधिकरण ने 12 मई को खाद्य आपूर्ति श्रृंखला में श्रमिकों, ग्राहकों और खिलाड़ियों के लिए कोविड19 के जोखिम को कम करते हुए निर्बाध खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से खाद्य उद्योग के शीर्ष नेताओं के साथ बातचीत की. चर्चाओं ने खाद्य उद्योग द्वारा आवाज उठाई गई अधिकांश चिंताओं और चुनौतियों का समाधान करने में मदद की.

Share Now

\