World Ozone Day 2019: विश्व ओजोन दिवस क्यों मनाया जाता है, जानें इसका इतिहास, महत्व और पर्यावरण में ओजोन परत की भूमिका

ओजोन परत के महत्व और इसके संरक्षण के प्रति जन जागरूकता लाने के मकसद से हर साल 16 सितंबर को वर्ल्ड ओजोन डे यानी विश्व ओजोन दिवस मनाया जाता है. ओजोन परत हमें सूरज की हानिकारक यूवी किरणों से बचाती है और पर्यावरण को संतुलिए बनाए रखने में मदद करती है, लेकिन मानवीय गतिविधियों के चलते ओजन परत दिन-ब-दिन कम हो रही है, जो पर्यावरण के लिए बहुत विनाशकारी साबित हो सकता है.

विश्व ओजोन दिवस 2019 (Photo Credits: Pixabay)

World Ozone Day 2019: पृथ्वी के ऊपर मौजूद ओजोन परत (Ozone Layer) सूरज (Sun) की हानिकारिक अल्ट्रावॉयलेट किरणों (Ultra Violet Rays) से हमारी रक्षा करती है और यह पर्यावरण (Environment) को बचाने में भी अहम भूमिका निभाती है, इसलिए ओजोन परत के महत्व और इसके संरक्षण के प्रति जन जागरूकता लाने के मकसद से हर साल 16 सितंबर को वर्ल्ड ओजोन डे यानी विश्व ओजोन दिवस (World Ozone Day) मनाया जाता है. इस दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों को धूप में निकलते समय अल्ट्रावायलेट किरणों से सावधान रहने और ओजोन लेयर को संरक्षित (Protection Of Ozone Layer) रखने वाले उत्पादों का इस्तेमाल करने के प्रति जागरूक करना है. मुख्यत ओजोन परत के क्षरण के बारे में लोगों को बताने और इसके बचाव के समाधान तलाशने के लिए विश्व ओजोन दिवस दुनिया भर में मनाया जाता है.

विश्व ओजोन दिवस (World Ozone Day) के इस मौके पर चलिए जानते हैं. इस दिवस का महत्व (Importance), इतिहास (History), इस साल का विषय (Theme) और पर्यावरण में ओजोन परत की भूमिका (Role of Ozone Layer In Environment) के बारे में.

विश्व ओजोन दिवस 2019 का विषय

ओजोन दिवस हर साल 16 सितंबर को मनाया जाता है और हर साल विश्व ओजोन दिवस को अलग-अलग थीम के अनुसार, मनाया जाता है. साल 2019 के लिए विश्व ओजोन दिवस का थीम है '32 साल और हीलिंग' (32 Years and Healing). इस साल का विषय मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के तहत ओजोन परत और जलवायु की रक्षा के लिए तीन दशक के उल्लेखनीय अतंर्राष्ट्रीय सहयोग का जश्न मनाता है.

विश्व ओजोन दिवस का इतिहास

पृथ्वी के ऊपर मौजूद ओजोन लेयर के संरक्षण के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल 1994 में 16 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय ओजोन दिवस मनाने की घोषणा की थी. इस दिन ओजोन परत के संरक्षण के लिए साल 1987 में बनाए गए मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किया गया था. संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा घोषणा किए जाने के एक साल बाद साल 1995 में पहली बार विश्व ओजोन दिवस मनाया गया था. यह भी पढ़ें: World Environment Day 2019: पर्यावरण के लिए घातक और विनाशकारी साबित हो रही हैं ये चीजें, इन पर लगाम लगाना है बेहद जरूरी

पर्यावरण में ओजोन परत की भूमिका

इस बात से सभी वाकिफ हैं कि ओजोन परत हमें सूरज की हानिकारक यूवी किरणों से बचाती है और पर्यावरण को संतुलिए बनाए रखने में मदद करती है, लेकिन मानवीय गतिविधियों के चलते ओजन परत दिन-ब-दिन कम हो रही है, जो पर्यावरण के लिए बहुत विनाशकारी साबित हो सकता है. ओजोन परत के क्षरण के कारण पौधों के जीवन चक्र, खाद्य श्रृखंला, मानव जीवन और पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. अगर ओजोन परत का संरक्षण नहीं किया गया तो इससे ग्लोबल वार्मिग को बढ़ावा मिल सकता है और पूरे विश्व में जलवायु परिवर्तन हो सकता है.

विश्व ओजोन दिवस का महत्व

ओजोन परत मानव जीवन और पर्यावरण के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, इसलिए इसके महत्व को समझना बेहद आवश्यक है. दरअसल, ओजोन परत की खोज साल 1913 में फ्रांस के भौतिकविदों फैबरी चार्ल्स और हेनरी बुसोन ने की थी. ओजोन गैस की एक ऐसी परत है जो पृथ्वी को सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाती है. यह एक हल्के नीले रंग की गैस होती है जो मुख्य रूप से समताप मंडल के निचले हिस्से में पृथ्वी से 20-30 किलोमीटर की ऊंचाई पर पाई जाती है. ओजोन परत सूरज से निकलने वाली पराबैंगनी किरणों को फिल्टर करती है और पृथ्वी के जीवों के जीवन की रक्षा करने में मदद करती है.

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