Vishwakarma Puja 2022 Messages: हैप्पी विश्वकर्मा पूजा! प्रियजनों को भेजें ये Quotes, GIF Greetings, WhatsApp Wishes और Photo SMS
Vishwakarma Puja 2022 Messages in Hindi: हर साल की तरह इस साल भी 17 सितंबर 2022 यानी आज विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja) का पर्व मनाया जा रहा है. इसके साथ ही इस दिन सूर्य की कन्या संक्रांति (Kanya Sankranti) भी है. इसका मतलब है कि इस दिन सूर्य सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि राशि में गोचर करने जा रहे हैं. देवों के शिल्पी भगवान विश्वकर्मा (Bhagwan Vishwakarma) को संसार के पहले इंजीनियर, वास्तुकला के ज्ञाता और प्रकांड विद्वान के तौर पर जाना जाता है. विष्णु पुराण के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा देवताओं के काष्ठशिल्पी माने जाते हैं, इसलिए पुराण में उनके लिए वर्धकी यानी काष्ठशिल्पी शब्द का इस्तेमाल किया गया है. कहा जाता है कि सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा ने देव शिल्पी विश्वकर्मा को सृष्टि का शिल्पीकार नियुक्त किया था. यह भी कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा ने ही सबसे पहले इस सृष्टि का मानचित्र बनाया था.
भगवान विश्वकर्मा को यंत्र, औजार और उपकरणों का देवता भी माना जाता है, इसलिए विश्वकर्मा जयंती पर कारखानों और औद्योगिक संस्थानों में विश्वकर्मा भगवान की पूजा के साथ-साथ मशीनों व औजारों की पूजा भी की जाती है. इस पर्व का विशेष महत्व है, इसलिए आप अपने प्रियजनों को इन हिंदी मैसेजेस, कोट्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप विशेज और फोटो एसएमएस के जरिए हैप्पी विश्वकर्मा पूजा कहकर बधाई दे सकते हैं.
1- इस दुनिया में छाई है,
आपकी ही सुंदर रचना,
सुख और दुख में हम,
सदा जपते रहें नाम आपका.
हैप्पी विश्वकर्मा पूजा
2- अद्भुत सकल सृष्टि कर्ता,
सत्य ज्ञान सृष्टि हित कर्ता,
अतुल तेज तुम्हरो जगमाही,
कोई विश्वमही जानत नाही.
हैप्पी विश्वकर्मा पूजा.
3- जय-जय श्री भुवन विश्वकर्मा,
कृपा करें श्री गुरुदेव सुधर्मा,
श्री अरु विश्वकर्मा माहि,
विज्ञानी कहें अंतर नाही.
हैप्पी विश्वकर्मा पूजा
4- धन, वैभव, सुख–शान्ति देना,
भय, जन–जंजाल से मुक्ति देना,
संकट से लड़ने की शक्ति देना,
हे विश्वकर्मा, हे विश्वकर्मा.
हैप्पी विश्वकर्मा पूजा
5- विश्वकर्मा जी की सदा करो जय जयकार,
करते हैं सदा सब पर उपकार,
इनकी महिमा है सबसे न्यारी,
ये अर्ज सुनो भगवान हमारी.
हैप्पी विश्वकर्मा पूजा
ऐसा कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा ने ही स्वर्ग लोक, इंद्रपुरी, द्वारिका नगरी, सोने की लंका, सुदामापुरी जैसे कई नगरों और स्थानों का निर्माण किया था. इसके अलावा भगवान शिव के त्रिशूल, भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र, यमराज के कालदंड जैसे कई अस्त्र-शस्त्र व उपरकरणों का निर्माण भी उन्होंने ही किया था. भगवान विश्वकर्मा के कुल पांच अवतार बताए जाते हैं, जिनमें विराट विश्वकर्मा, धर्मवंशी विश्वकर्मा, अंगिरावंशी विश्वकर्मा, सुधन्वा विश्वकर्मा और भृगुवंशी विश्वकर्मा शामिल हैं.