Republic Day 2025 Rangoli Designs: गणतंत्र दिवस पर ये आकर्षक रंगोली डिजाइन बनाकर दिखाएं अपनी देशभक्ति, देखें ट्यूटोरियल वीडियो
रिपब्लिक डे रंगोली डिजाइन (Photo: YouTube)

Republic Day 2025 Rangoli Designs: भारत 26 जनवरी को अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाएगा. राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस (Republic Day 2025) परेड का आयोजन किया जाएगा, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों की टुकड़ियां और विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती जीवंत झांकियां शामिल होंगी. जब पूरा देश इस खास अवसर की तैयारी कर रहा है, तो इस दिन के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को समझना ज़रूरी हो जाता है. 15 अगस्त, 1947 को भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र बना. इस दिन देश में लगभग 200 वर्षों के ब्रिटिश शासन का अंत हुआ, लेकिन 26 जनवरी, 1950 तक भारत को अपनी लोकतांत्रिक आत्मा, संविधान नहीं मिला. यह भी पढ़ें: Shri Ram Shlokas In Sanskrit: अयोध्या धाम की पहली वर्षगांठ पर श्रीराम की भक्ति में हो जाएं लीन, शेयर करें ये WhatsApp Messages, Quotes और Facebook Greetings

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद, 29 अगस्त, 1947 को एक प्रारूप समिति का गठन किया गया. इसे भारत का संविधान तैयार करने का काम सौंपा गया था. डॉ. बीआर अंबेडकर इस समिति के अध्यक्ष थे, जिसमें केएम मुंशी, गोपाल स्वामी अयंगर, मुहम्मद सादुला, अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर, एन माधव राव (जिन्होंने बीएल मित्तर की जगह ली) और टीटी कृष्णमाचारी (जिन्होंने डीपी खेतान की जगह ली) भी शामिल थे. संविधान का औपचारिक प्रारूप 4 नवंबर, 1947 को संविधान सभा के समक्ष प्रस्तुत किया गया और फिर अगले दो वर्षों में इसमें विभिन्न परिवर्तनों को शामिल करने के लिए कई सत्रों के बाद, सभा ने अंततः 24 जनवरी, 1950 को इसे अपनाया. सभा के कुल 308 सदस्यों ने पाठ की दो प्रतियों पर हस्ताक्षर किए, एक हिंदी और एक अंग्रेजी में. यह देश के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण था, जिसने इसे एक स्वतंत्र गणराज्य के रूप में स्थापित किया. यहां हम आपके लिए गणतंत्र दिवस 2025 के लिए रंगोली डिजाइन और अनोखे तिरंगे पैटर्न के कुछ आइडिया लेकर आए हैं.

गणतंत्र दिवस रंगोली:

रिपब्लिक डे रंगोली डिजाइन:

26 जनवरी रंगोली डिजाइन:

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) ने लाहौर अधिवेशन के दौरान 26 जनवरी, 1930 को ब्रिटिश शासन से "पूर्ण स्वराज" के दिन के रूप में नामित किया था. उन्होंने सभी नागरिकों से इसे स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने का आग्रह किया. यह भारत को एक स्वतंत्र देश के रूप में डोमिनियन का दर्जा देने के ब्रिटिश प्रस्ताव के जवाब में था. उस समय, भारत के इतिहास में पहली बार तिरंगा झंडा फहराया गया था. इसके बीस साल बाद 26 जनवरी, 1950 को भारत के संविधान को आधिकारिक रूप से अपनाया गया.