Vijaya Ekadashi 2024: आज विजया एकादशी पर पूजा-अनुष्ठान के साथ करें इन वस्तुओं का दान! प्राप्त होगा सौभाग्य, समृद्धि और विजय!
विजया एकादशी के दिन पूजा-अनुष्ठान के पश्चात गरीबों को वस्त्र दान दान करना बहुत शुभ माना जाता हैं. वस्त्र दान से जातक को समाज में मान-सम्मान तो मिलता ही है, साथ भगवान श्रीहरि के आशीर्वाद से सुख एवं शांति के साथ समृद्धि भी प्राप्त होती है. ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार विजया एकादशी पर जरूरतमंदों को वस्त्र दान करने से माँ लक्ष्मी की कृपा से रूठी हुई किस्मत खुल जाती है.
Vijaya Ekadashi 2024: आज फाल्गुन कृष्ण पक्ष की एकादशी (06 मार्च 2024, बुधवार) पर विजया एकादशी का व्रत रखा जाएगा. इस दिन व्रत के साथ भगवान विष्णु एवं लक्ष्मी जी की विधि-विधान के साथ संयुक्त पूजा एवं दान-धर्म करने से जातक की हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं, उसके जीवन में चल रहे कष्टों का निवारण होता है, साथ ही हर चुनौतियों पर विजय सुनिश्चित होती है. इस दिन विष्णु भक्तों को अपनी सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंदों को खाना, कपड़ा और शिक्षा संबंधी वस्तुएं दान देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. आइये जानते हैं विजया एकादशी के शुभ मुहूर्त पर किन-किन वस्तुओं का दान करना शुभ माना जाता है.
विजया एकादशी पर इन वस्तुओं का करें दान
वस्त्र दान: विजया एकादशी के दिन पूजा-अनुष्ठान के पश्चात गरीबों को वस्त्र दान दान करना बहुत शुभ माना जाता हैं. वस्त्र दान से जातक को समाज में मान-सम्मान तो मिलता ही है, साथ भगवान श्रीहरि के आशीर्वाद से सुख एवं शांति के साथ समृद्धि भी प्राप्त होती है. ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार विजया एकादशी पर जरूरतमंदों को वस्त्र दान करने से माँ लक्ष्मी की कृपा से रूठी हुई किस्मत खुल जाती है. लेकिन वस्त्र दान का एक नियम यह भी है कि वस्त्र दान किसी असहाय तथा जरूरतमंदों को ही करना चाहिए, जो उसका स्वयं पर उपयोग करें. साथ ही वस्त्र उपयोग किये हुए नहीं बल्कि नये होने चाहिए, तभी उचित फल की प्राप्ति होती है.
अन्न दान: हिंदू धर्म शास्त्रों में विजया एकादशी के दिन अन्न का दान करना बेहद लाभकारी बताया गया है. यह दान आप किसी निर्धन व्यक्ति को कच्चे अनाज के रूप में कर सकते हैं, अथवा उसे घर पर आमंत्रित कर भर पेट भोजन करवा कर सकते हैं. ध्यान रहे भूखे को भोजन कराने से जातक की आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं, घर में अन्न-धन की कभी कमी नहीं होने पाती.
शिक्षा दान: इस दिन शिक्षा प्राप्त करने में असमर्थ बच्चों को शैक्षिक सामग्री (नोटबुक, पुस्तक, पेन, पेंसिल, स्कूल बैग) वितरित करना अत्यंत पुण्य का कार्य होता है. यदि आप समर्थ हैं तो शिक्षा की चाहत रखने वाले असमर्थ एक या क्षमतानुसार बच्चों की शिक्षित करने का संकल्प लेना भी बहुत पुण्य का काम है. अगर समय की व्यस्तता है तो किसी योग्य शैक्षिक संस्थानों को यथोचित दान देकर भी अपना धर्म पूरा किया जा सकता है.
भावों का दान: भावों का दान का आशय है कि अगर आपके मन में किसी के खिलाफ कुछ गलत विचार चल रहे हैं, किसी को हानि पहुंचाने का विचार बन-बिगड़ रहा है तो ईश्वर के समक्ष खड़े होकर अपने मन के बुरे भावों का त्याग करें, किसी को हानि पहुंचा रहे हैं, तो उससे प्रत्यक्ष रूप से छमा याचना करें.