Tulsi Vivah 2019: अपने वैवाहिक जीवन को खुशहाल और सुखमय बनाने के लिए तुलसी विवाह के दिन करें ये काम
भारत में कई तरह-तरह के त्योहार, भगवान की पूजा और उनकी शादी न जानें ऐसे पर्व मनाएं जाते हैं. ऐसे ही तुलसी विवाह का भी प्रचलन है. कहा जाता है कि तुलसी विवाह कराने से शादीशुदा या कहें दांपत्य जीवन खुशहाल रहता है. आपके वैवाहिक सुख, शादीशुदा जिंदगी या पति-पत्नी के बीच हो रहे कलह को खत्म कर देगी.
Tulsi Vivah 2019: दिवाली के ग्यारह दिन बाद कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी (देवउठनी एकादशी) पर तुलसी विवाह (Tulsi Vivah) उत्सव मनाया जाता है. इस दिन माता तुलसी और शालिग्राम की शादी कराई जाती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु इसी दिन चार महीने शयन करने के बाद निद्रा से जागते हैं. शालिग्राम भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के प्रतिक हैं. ऐसी मान्यता है कि शादीशुदा व दांपत्य जीवन को और खुशहाल बनाने के लिए तुलसी विवाह कराना बहुत फलदायी है.
इस साल तुलसी विवाह 9 नवंबर 2019 को मनाई जाएगी. हिंदू मान्यताओं के अनुसार तुलसी का विवाह शालिग्राम से कराना विशेष फलदायी होता है. इसलिए यह परंपरा बरसों से चली आ रही है. इस शुभ दिन पर अगर आप इन उपायों को करें तो आपके वैवाहिक जीवन में खुशियां आयेंगी. जानें तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त और शादी की विधि, होगी हर मनोकामना पूर्ण
- यदि आपकी शादीशुदा जिंदगी में तनाव है या किसी तरह की परेशानी है तो पति या पत्नी में से कोई एक तुलसी विवाह के दिन संध्या यानि की शाम के समय तुलसी के पौधे के नीचे गाय के घी से या फिर सरसों के तेल का दीपक जलाएं. ऐसा करने से आपकी वैवाहिक जीवन में खुशियां लौट आएंगी.
- अगर आपके वैवाहिक जीवन में प्यार से ज्यादा तकरार बढ़ रही है, तो आप को तुलसी का विवाह कराने के बाद 'ऊं नमों भगवते वासुदेवाय नम:' मंत्र का जाप 108 बार करना चाहिए. कहा जाता है कि ऐसा करने से आप और आपके जीवनसाथी के बीच में हो रहे झगड़े खत्म हो जाएंगे.
- अगर आपके और आपके साथी (पति,पत्नी) के बीच प्यार कम लग रहा है, तो आपको इस उपाय को करना चाहिए. आप तुलसी विवाह के दिन राधा कृष्ण की आलिंगन वध तस्वीर अपने बेडरूम में लगाएं. ऐसा करने से आपके वैवाहिक जीवन में प्यार बढ़ेगा.
- महिलाओं को अगर अपने शादीशुदा जिंदगी में खुशियां चाहिए तो, आपको (महिलाओं) तुलसी विवाह के दिन तुलसी के पौधे के नीचे चमेली के तेल का दीया जलाकर भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना चाहिए. यह करने से आपका दांपत्य जीवन सुखमय रहेगा.
- यदि किसी लड़की की शादी नहीं हो रही है या विवाह में कोई समस्या आ रही है तो उस लड़की या कन्या यह उपाय करे. इसके लिए सात साबुत हल्दी की गांठ, थोड़ा सा केसर, थोड़ा सा गुड़ और चने की दाल ले इसे किसी पीले कपड़े में बांधकर विष्णु मंदिर में ले जाकर भगवान विष्णु को अर्पित करें और उनसे अपने विवाह के लिए प्रार्थना करें.
- अगर किसी लड़के के विवाह में रूकावटें या समस्या आ रही हैं, तो वह इस उपाय को जरुर करे. लड़का तुलसी विवाह के दिन व्रत रखकर जिस समय शालिग्राम का तुलसी जी से विवाह हो रहा हो उस समय शालिग्राम को हाथ में उठाकर उनके फेरें कराएं और फेरों के बाद उनका कोई वस्त्र अपने पास रखें और कलंगी चढ़ाएं. ऐसा करने से उस लड़के के विवाह में आ रही सभी रूकावटें समाप्त हो जाएगी.
- अगर किसी शादीशुदा दांपत्य को ऐसा महसूस होता है कि आपके और आपके जीवनसाथी के बीच प्यार कम हो रहा है तो वह इस उपाय को जरुर करें. इस उपाय को करने के लिए तुलसी विवाह के दिन भगवान विष्णु की तस्वीर और तुलसी के ग्यारह पत्ते अपने बेडरूम में रखें. ऐसा करने से आप और आपके साथी में प्यार बढ़ेगा.
- अगर किसी लड़की को मनचाहा वर (पति) पाना चाहती है, तो उसे तुलसी विवाह के शुभ दिन पर माता तुलसी को लाल रंग की चुनरी चढ़ाये या उनको उधाए फिर अगले दिन उस चुनरी को हमेशा अपने पास संभाल कर रखें. कहा जाता है कि ऐसा करने से आपको मनचाहे पति की प्राप्ति होगी.
- अपने वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाने या सुखमय करने के लिए पत्नी को तुलसी विवाह के दिन माता तुलसी को चढ़ाया गया श्रृंगार और चुनरी किसी सुहागिन महिला को दान कर दे या फिर इसे माता लक्ष्मी के मंदिर जाकर उनको चढ़ाकर उनसे वैवाहिक सुख के लिए प्रार्थना करें.
- यदि आपको यह लगता है कि किसी बुरी शक्ति के कारण आपके शादीशुदा जिंदगी में कलह आ रही है तो पत्नी यह उपाय अवश्य करे. तुलसी विवाह से एक दिन पहले कुछ तुलसी के पत्ते तोड़कर पानी में रख दें और तुलसी विवाह के दिन उस पानी को घर के मुख्य द्वार पर डाल दें. ऐसा करने से आपके घर की सभी नकारात्मक शक्ति समाप्त हो जाएगी.
ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु तुलसी विवाह से पहले 4 माह तक के लिए शयन मुद्रा में चले जाते हैं. उस समय दौरान कोई शुभ कार्य जैसे शादी-ब्याह, गृह प्रवेश इत्यादि नहीं किया जाता. देव उठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के जागने के साथ ही मांगलिक और शुभ कार्यों की भी शुरुआत हो जाती है.