Tanaji Malusare Death Anniversary 2021: वीर मराठा योद्धा तानाजी मालुसरे की पुण्यतिथि पर इन HD Images, Quotes, WhatsApp Stickers, Messages के जरिए करें उन्हें याद
वीर मराठा योद्धा तानाजी मालुसरे का नाम महाराष्ट्र के इतिहास में सदा-सदा के लिए अमर है. सिंहगढ़ के किले पर फतह हासिल करते-करते अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले तानाजी की पुण्यतिथि पर महाराष्ट्र में उनके बलिदान को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है. आप भी इस अवसर पर इन एचडी इमेजेस, कोट्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, मैसेजेस के जरिए तानाजी को याद कर सकते हैं.
Tanaji Malusare Death Anniversary 2021: मराठा साम्राज्य के वीर मराठा योद्धा तानाजी मालुसरे (Tanaji Malusare) की आज पुण्यतिथि (Death Anniversary) है. उनका निधन 4 फरवरी 1670 को हुआ था. तानाजी छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) के बचपन के दोस्त थे और दोनों एक साथ खेला करते थे. तानाजी 1670 ई. में सिंहगढ़ की लड़ाई में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए जाने जाते हैं. छत्रपति शिवाजी महाराज के आदेश पर तानाजी ने मुगलों के खिलाफ सिंहगढ़ की लड़ाई लड़ी और इस किले पर फतह भी हासिल की, लेकिन इसके लिए उन्हें अपने प्राणों का बलिदान देना पड़ा. दरअसल, उस किले को रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण माना जाता था, जिस पर मुगल अपना अधिकार जमाना चाहते थे. तानाजी मालुसरे का जन्म 1626 ई. में महाराष्ट्र के सातारा जिले में गोडोली में हुआ था.
वीर मराठा योद्धा तानाजी मालुसरे का नाम महाराष्ट्र के इतिहास में सदा-सदा के लिए अमर है. सिंहगढ़ के किले पर फतह हासिल करते-करते अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले तानाजी की पुण्यतिथि पर महाराष्ट्र में उनके बलिदान को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है. आप भी इस अवसर पर इन एचडी इमेजेस, कोट्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, मैसेजेस के जरिए तानाजी को याद कर सकते हैं.
1- तानाजी मालुसरे पुण्यतिथि 2021
2- तानाजी मालुसरे पुण्यतिथि 2021
3- तानाजी मालुसरे पुण्यतिथि 2021
4- तानाजी मालुसरे पुण्यतिथि 2021
5- तानाजी मालुसरे पुण्यतिथि 2021
तानाजी मालुसरे ने अपने बेटे रायबा की शादी जैसे महत्वपूर्ण कार्य को महत्व न देते हुए शिवाजी महाराज की इच्छा का मान रखते हुए कोंढाणा किला जीतना ज्यादा जरूरी समझा. तानाजी के कारण कोंढणा शिवाजी के स्वराज्य में शामिल तो हो गया, लेकिन तानाजी मारे गए. शिवाजी महाराज ने जब यह खबर सुनी तो वो बोल पड़े- 'गढ़ आला पण सिंह गेला' जिसका मतलब है किला तो जीत लिया, लेकिन मेरा शेर चला गया. दरअसल, शिवाजी महाराज तानाजी को शेर कहा करते थे.