Subho Sasthi 2022 HD Images: महा षष्ठी पर अपनों संग शेयर करें मां दुर्गा के ये WhatsApp Stickers, GIF Greetings, Wallpapers और Photo
शारदीय नवरात्रि की महा षष्ठी तिथि बंगाली समुदाय के लिए बेहद विशेष होती है, क्योंकि दुर्गा पूजा उत्सव की शरुआत के साथ ही लोग के बीच शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान शुरु हो जाता है. ऐसे में भला आप बधाई देने में कैसे पीछे रह सकते हैं, इसलिए हम लेकर आए हैं शुभो षष्ठी पर मां दुर्गा के मनमोहक एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स और फोटोज, जिन्हें आप अपनों के साथ शेयर कर सकते हैं.
Subho Sasthi 2022 HD Images: इस साल शारदीय नवरात्रि (Sharad Navratri) की शुरुआत 26 सितंबर 2022 से हुई है, जिसका समापन 5 अक्टूबर 2022 को विजयादशमी (Vijayadashami) यानी दशहरे (Dussehra) के साथ होगा. शारदीय नवरात्रि के छठे दिन यानी महा षष्ठी तिथि से पांच दिवसीय दुर्गा पूजा (Durga Puja) उत्सव की शुरुआत हो जाती है और इस साल दुर्गा पूजा का आगाज 1 अक्टूबर 2022 से हो रहा है. पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम और त्रिपुरा जैसे राज्यों में दुर्गा पूजा यानी दुर्गा पूजो के पर्व को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. एक तरफ जहां षष्ठी तिथि को मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है तो वहीं इस दिन बंगाली समुदाय मां दुर्गा की प्रतिमाओं का अनावरण करते हैं. महालया (Mahalaya) के छह दिन बाद यानी अश्विन शुक्ल षष्ठी से दुर्गा पूजा पर्व का शानदार आगाज होता है. ऐसा कहा जाता है कि देवी दुर्गा महालया के दिन कैलाश से धरती पर आती हैं और 9 दिनों तक भक्तों के बीच रहकर उनकी सभी मनोकामनाओं को पूरी करने के बाद विजयादशमी के दिन कैलाश लौट जाती हैं.
शारदीय नवरात्रि की महा षष्ठी तिथि बंगाली समुदाय के लिए बेहद विशेष होती है, क्योंकि दुर्गा पूजा उत्सव की शरुआत के साथ ही लोग के बीच शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान शुरु हो जाता है. ऐसे में भला आप बधाई देने में कैसे पीछे रह सकते हैं, इसलिए हम लेकर आए हैं शुभो षष्ठी पर मां दुर्गा के मनमोहक एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स और फोटोज, जिन्हें आप अपनों के साथ शेयर कर सकते हैं.
1- महा षष्ठी की हार्दिक शुभकामनाएं
2- महा षष्ठी की बहुत-बहुत बधाई
3- शुभो महा षष्ठी
4- हैप्पी महा षष्ठी
5- महा षष्ठी 2022
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा उत्सव की शुरुआत बहुत धूमधाम से की जाती है. अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को ढाक-ढोल और लजीज पकवानों के साथ मां दुर्गा का स्वागत किया जाता है. इसी दिन देवी दुर्गा की प्रतिमा का अनावरण किया जाता है. इसके साथ ही कई तरह के अनुष्ठान किए जाते हैं. इस दिन से लेकर अगले पांच दिन यानी दशमी तिथि तक देवी दुर्गा की विधि-विधान से पूजा करने के बाद विजयादशमी के दिन उनकी प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है.