Shubho Mahalaya 2020 Wishes & HD Images: पितृपक्ष के समापन का पर्व है महालया, अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को इन खूबसूरत हिंदी GIF Greetings, WhatsApp Stickers, Facebook Messages, Wallpapers के जरिए दें शुभकामनाएं
जहां सर्व पितृ अमावस्या के दिन लोग अपने पितरों का श्राद्ध, तर्पण कर उन्हें विदा करते हैं तो वहीं महालया के इस खास अवसर पर लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएं भी देते हैं. आप भी पितृपक्ष के समापन के पर्व महालया के खास अवसर पर अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को इन खूबसूरत हिंदी जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजे, वॉलपेपर्स, विशेज और एचडी इमेजेस के जरिए शुभो महालया कह सकते हैं.
Shubho Mahalaya 2020 Wishes & HD Images In Hindi: बंगाली समुदाय (Bengali Community) के लोगों में महालया (Mahalaya) का विशेष महत्व बताया जाता है और वे इस दिन का पूरे साल बेसब्री से इंतजार करते हैं. एक तरफ जहां महालया से श्राद्ध पक्ष (Shradh Paksha) का समापन हो जाता है तो वहीं मान्यताओं के अनुसार इसी दिन मां दुर्गा (Maa Durga) कैलाश पर्वत से धरती पर आगमन करती हैं और उसके अगले दिन यानी अश्विन शुक्ल प्रतिपदा से शारदीय नवरात्रि (Navratri) का पर्व शुरु हो जाता है, लेकिन इस साल एक महीने बाद से दुर्गा पूजा (Durga Puja) की शुरुआत होगी, क्योंकि महालया के अगले दिन से मलमास यानी अधिक मास शुरू हो रहा है. इस साल महालया आज (17 सितंबर 2020) मनाया जा रहा है और इसके एक माह बाद 17 अक्टूबर से दुर्गा पूजा की शुरुआत होगी. सर्व पितृ अमावस्या के दिन ही महालया का पर्व मनाया जाता है.
एक ओर जहां सर्व पितृ अमावस्या के दिन लोग अपने पितरों का श्राद्ध, तर्पण कर उन्हें विदा करते हैं तो वहीं महालया के इस खास अवसर पर लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएं भी देते हैं. आप भी पितृपक्ष के समापन के पर्व महालया के खास अवसर पर अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को इन खूबसूरत हिंदी जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, वॉलपेपर्स, विशेज और एचडी इमेजेस के जरिए शुभो महालया कह सकते हैं.
1- शुभो महालया 2020
2- शुभो महालया 2020
3- शुभो महालया 2020
4- शुभो महालया 2020
5- शुभो महालया 2020
गौरतलब है कि शारदीय नवरात्रि उत्सव की शुरुआत से पहले दूर्गा पूजा के लिए जगह-जगह मां दुर्गा की प्रतिमाएं बनाई जाती हैं और महालया के दिन मां दुर्गा की उन प्रतिमाओं को चक्षु दान किया जाता है यानी इसी दिन दुर्गा की प्रतिमाओं के नेत्र बनाए जाते हैं. दुर्गा पूजा हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष में होती है, लेकिन इस साल दो अश्विन माह पड़ रहे हैं. इस साल 18 सितंबर से 16 अक्टूबर तक अधिक मास रहेगा, जबकि 17 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक शुद्ध अश्विन मास रहेगा. इस दौरान 17 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक मां दुर्गा की पूजा की जाएगी.