Shri Ram Shlokas In Sanskrit: जय श्री राम! अयोध्या धाम के उद्घाटन पर इन WhatsApp Wishes, Quotes, GIF Greetings, HD Images को भेजकर संस्कृत में दें शुभकामनाएं
Shri Ram Shlokas and Mantra In Sanskrit: भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के सातवें अवतार मर्यादापुरुषोत्तम भगवान राम (Bhagwan Ram) का जन्म अयोध्या (Ayodhya) में हुआ था और अब अयोध्या धाम (Ayodhya Dham) में एक बार फिर से रामलला के आगमन से पूरा देश राम मय हो गया है. हर तरफ बस जय श्रीराम की गूंज सुनाई दे रही है. 22 जनवरी 2024 को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर कई दिन पहले से ही देशभर में उत्सव जैसा माहौल बना हुआ है. हर तरफ भगवा लहरा रहा है और भगवान श्रीराम की भक्ति में हर कोई सराबोर नजर आ रहा है. देश के कोने-कोने में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर लोगों में खासा जोश और उत्साह देखने को मिल रहा है. त्रेतायुग में जन्में भगवान राम के प्रति हिंदुओं में गहरी आस्था है, इसलिए लोग उनकी भक्ति में डूबे हुए हैं.
अयोध्या धाम में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर देशभर में दिवाली के उत्सव जैसा माहौल है. श्रीराम के आगमन की खुशी में लोग जश्न मना रहे हैं और एक-दूसरे को शुभकामनाएं भी दे रहे हैं. ऐसे में इस बेहद खास अवसर पर आप भी अपने दोस्तों-प्रियजनों और करीबियों को श्रीराम के संस्कृत श्लोक, वॉट्सऐप विशेज, कोट्स, जीआएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस को भेजकर अयोध्या धाम के उद्घाटन पर शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।
सह्स्रनाम तत्तुल्यं राम नाम वरानने।।
भावार्थ- शिवजी ने मां गौरा से कहा, हे पार्वती..! राम जी का नाम एक बार लेना
भगवान विष्णु के सहस्रनाम के बराबर है, इसलिए मैं सदैव राम जी के नाम का
ध्यान करता हूं.
2- रामो विग्रहवान् धर्मस्साधुस्सत्यपराक्रमः।
राजा सर्वस्य लोकस्य देवानां मघवानिव।।
भावार्थ- राम जी धर्म के विग्रह स्वरूप हैं. वे साधू एवं पराक्रमी हैं. जैसे देवगणों के
राजा इंद्र हैं, वैसे ही प्रभु श्रीराम हम सब के राजाधिराज हैं.
3- भर्जनं भवबीजानां अर्जनं सुखसंपदां।
तर्जनं यमदूतानाम राम रामेति गर्जनं।।
अर्थात- संपूर्ण ब्राह्मण के नायक रामचंद्र जी का पवित्र नाम. दुख के बीज को भी
जलाकर राख कर देता है. उनका नाम लेने से इस लोक में और उस लोक में सुखों
की प्राप्ति होती है.
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4- नमामि दूतं रामस्य सुखदं च सुरद्रुमम्।
पीनवृत्त महाबाहुं सर्वशत्रुनिवारणम्।।
भावार्थ- मैं उस दूत हनुमान को प्रणाम करता हूं, जिन्होंने राम को प्रसन्न किया. जो
देवों की मनोकामना पूर्ण कर देने वाले कल्पवृक्ष है, जिनकी लंबी भुजाए हैं, जो सभी
शत्रुओं को दूर भगाते हैं.
5- न मे समा रावणकोट्योऽधमाः।
रामस्य दासोऽहम् अपारविक्रमः।।
भावार्थ- करोड़ों रावण भी पराक्रम में मेरी बराबरी नहीं कर कर सकते, इसलिए नहीं कि मैं
बजरंगबली हूं, अपितु इसलिए कि प्रभु श्रीराम मेरे स्वामी हैं, मुझे उन्हीं से अपरंपार शक्ति प्राप्त होती है.
गौरतलब है कि राम मंदिर का सफर आसान नहीं था, इसके लिए करीब 500 साल तक संघर्ष करना पड़ा. यह संघर्ष धार्मिक, राजनीतिक और सामाजिक स्तरों पर हुआ. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, अयोध्या में भगवान राम का जन्म हुआ था, जहां एक भव्य मंदिर बनाया गया था, लेकिन मुगल सम्राट बाबर के आदेश पर सन 1528 में इसे तोड़कर बाबरी मस्जिद का निर्माण किया गया था. एक लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने इस स्थान को हिंदुओं को सौंपने का फैसला किया गया, जिसके बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरु हुआ और अब राम लला यह भव्य मंदिर आकर्षण का केंद्र बन गया है.