Shattila Ekadashi 2022 Wishes: पंचांग के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को षट्तिला एकादशी (Shattila Ekadashi) कहते हैं. इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) की पूजा की जाती है और उन्हें तिल (Til) का भोग लगाया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के दिन तिल का दान करने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है और तिल का दान करने से हजार वर्ष तक स्वर्ग में स्थान मिलता है. इतना ही नहीं श्रीहरि की कृपा से व्यक्ति के समस्त पाप और कष्ट दूर होते हैं, साथ ही मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है.षट्तिला एकादशी का व्रत करने वाले 29 जनवरी (शनिवार) को प्रात: 7.11 बजे से 9.20 बजे के बीच व्रत का पारण कर सकते हैं. एकादशी तिथि द्वादशी को रात 8.37 बजे समाप्त होगी.
षट्तिला एकादशी के दिन दिनभर व्रत रखकर भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है. इस एकादशी का अपना एक अलग महत्व बताया जाता है. पद्म पुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार, षट्तिला एकादशी का व्रत करने से हजारों वर्षों की तपस्या और स्वर्ण दान से अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है. इस दिन आप भगवान विष्णु के इन मनमोहक विशेज, एचडी इमेजेस, ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, वॉलपेपर्स को भेजकर शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- षट्तिला एकादशी 2022
2- षट्तिला एकादशी 2022
3- षट्तिला एकादशी 2022
4- षट्तिला एकादशी 2022
5- षट्तिला एकादशी 2022
षट्तिला एकादशी के दिन भक्त तिल को जल में मिलाकर स्नान करते हैं. उसके बाद षट्तिला एकादशी व्रत करने का संकल्प लिया जाता है और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. पूजा में भगवान विष्णु को फूल, फल, अक्षत, तिल के लड्डू, पंचामृत, तुलसी के पत्ते आदि चढ़ाए जाते हैं. एकादशी व्रत के नियम दशमी की रात से शुरू होते हैं, जिनका पालन द्वादशी के दिन पारण के समय तक करना आवश्यक माना जाता है.