Sharad Navratri 2023 HD Images: हैप्पी नवरात्रि! शेयर करें मां दुर्गा के ये मनमोहक WhatsApp Stickers, GIF Greetings, Photos और Wallpapers
नौ दिवसीय नवरात्रि पर्व के पहले दिन घटस्थापना की जाती है, अंखंड ज्योत जलाई जाती है और नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. मां जगदम्बा के हर स्वरूप से भक्तों की अलग-अलग मनोकामनाएं पूरी होती हैं. आस्था के इस पर्व पर आप मां दुर्गा के इन मनमोहक एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटोज और वॉलपेपर्स के जरिए अपनों को हैप्पी नवरात्रि कह सकते हैं.
Sharad Navratri 2023 HD Images: हिंदू धर्म में मां दुर्गा (Maa Durga) की उपासना को समर्पित नवरात्रि उत्सव (Navratri Festival) का बहुत महत्व बताया जाता है. वैसे तो साल में चार बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है, जिनमें से दो गुप्त नवरात्रि होती है, जबकि चैत्र और अश्विन मास की नवरात्रि को धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल शारदीय नवरात्रि (Sharad Navratri) की शुरुआत 15 अक्टूबर 2023 से हो रही है, जिसका समापन 23 अक्टूबर को होगा और उसके अगले दिन विजयादशमी (Vijayadashami) यानी दशहरा (Dussehra) का पर्व मनाया जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार, अश्विन मास के शुक्ल प्रतिपदा से अश्विन मास की शुक्ल नवमी तक शारदीय नवरात्रि मनाई जाती है. नवरात्रि के पहले दिन घरों और पंडालों में मां दुर्गा की प्रतिमाओं को स्थापित किया जाता है. कई स्थानों पर गरबा और रामलीलाओं का आयोजन किया जाता है.
नौ दिवसीय नवरात्रि पर्व के पहले दिन घटस्थापना की जाती है, अंखंड ज्योत जलाई जाती है और नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. मां जगदम्बा के हर स्वरूप से भक्तों की अलग-अलग मनोकामनाएं पूरी होती हैं. आस्था के इस पर्व पर आप मां दुर्गा के इन मनमोहक एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटोज और वॉलपेपर्स के जरिए अपनों को हैप्पी नवरात्रि कह सकते हैं.
1- शारदीय नवरात्रि की शुभकामनाएं
2- नवरात्रि की हार्दिक बधाई
3- हैप्पी नवरात्रि
4- शारदीय नवरात्रि 2023
5- शुभ शारदीय नवरात्रि
वैसे तो मां दुर्गा सिंह की सवारी कहती हैं, लेकिन ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, हर साल नवरात्रि के समय तिथि के अनुसार देवी दुर्गा अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर धरती पर अपने भक्तों के बीच आती हैं. देवी दुर्गा वाहन से आती हैं और वाहन पर सवार होकर ही वापस कैलाश लौटती हैं. खासकर, कलश स्थापना के दिन देवी किस वाहन पर सवार होकर धरती पर आ रही हैं और किस वाहन से वापस कैलाश लौट रही हैं, इसका मानव जीवन पर विशेष प्रभाव होता है.