Shahu Maharaj Jayanti 2025: जब बच्चों को स्कूल नहीं भेजने वाले माता-पिता के लिए बना यह अनोखा कानून! जानें शाहू महाराज के बारे में कुछ रोचक फैक्ट!
शाहू महाराज जयंती 2025 (Photo Credits: File Image)

Shahu Maharaj Jayanti 2025: राजर्षी शाहू महाराज (Shahu Maharaj) एक ऐसे समाज सुधारक और दूरदर्शी व्यक्ति थे, जो समाज के निचले स्तर पर जीवन जी रहे लोगों के विकास और सामाजिक रूप से वंचित वर्गों की बेहतरी के लिए सदा प्रयत्नशील रहते थे. वह पहले राजा थे, जिन्होंने अपने सभी राज्यों में अनिवार्य निःशुल्क प्राथमिक शिक्षा की पहल की, और अपने बच्चों को स्कूल न भेजने वाले माता-पिता पर एक रुपए का जुर्माना लगाते थे.  उन्होंने समाज में फैले अंधविश्वास, कर्मकांड और दैववाद पर प्रहार किया. अपने शासनकाल में, उन्होंने समानता को बढ़ावा देने के लिए जाति भेदभाव प्रणाली में कई क्रांतिकारी योजनाएं शुरू की. आज राजर्षी शाहू महाराज जी की जयंती (26 जून) (Shahu Maharaj Jayanti) पर आइये जानते हैं, उनके जीवन के कुछ रोचक फैक्ट..

जीवन परिचय

राजर्षी शाहू महाराज का जन्म 26 जून 1874 को कागल (कोल्हापुर) के घाटगे परिवार में हुआ था. उनके जैविक पिता कागल के जहांगीरदार जयसिंगराव आबासाहेब घाटगे थे, और उनकी जैविक मां राधाबाई थीं. शाहू महाराज का मूल नाम यशवंतराव था, लेकिन  उन्हें ‘छत्रपति शाहू महाराज’, ‘राजर्षि शाहू महाराज’, ‘कोल्हापुर के शाहू’ और ‘चौथे शाहू’, जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता था. वह जब दस वर्ष के थे, तो 18 मार्च 1884 को कोल्हापुर के राजा शिवाजी चतुर्थ की रानी आनंदीबाई ने उन्हें गोद ले लिया. वे कोल्हापुर रियासत के छत्रपति शाहू महाराज बन गए.

20 वर्ष की आयु में कोल्हापुर की बागडोर संभाला

1885 में शिक्षा के लिए उन्हें राजकोट भेजा गया. वहां 4 साल अध्ययन करने के बाद, वे कोल्हापुर लौट आए और उच्च शिक्षा के लिए धारवाड़ चले गए. वहां उन्होंने सर एस.एम. क्रेगर के मार्गदर्शन में शासन-प्रशासन, इतिहास, अंग्रेजी भाषा जैसे तमाम विषयों का अध्ययन किया. इसी दरमियान साल 1891 में उन्होंने अप्रैल 1891 में बड़ौदा के एक रईस की बेटी लक्ष्मीबाई खानविलकर से विवाह कर लिया, जिनसे चार बच्चे (दो बेटे और दो बेटियां) थीं. 20 वर्ष की आयु में शाहू महाराज ने 2 अप्रैल 1894 को कोल्हापुर राज्य का शासन संभाला.

शाहू महाराज द्वारा किये गये सामाजिक कार्य

* शाहू महाराज ने डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की शिक्षा क्रांति में सहायता किया

* चित्रकार आबालाल रहमान जैसे कलाकारों को शाही संरक्षण प्रदान कर प्रोत्साहित किया.

* कानपुर के कुर्मी क्षत्रिय समुदाय ने शाहू महाराज को 'राजर्षी' की उपाधि दी थी. शाहूजी महाराज ने करीब 28 वर्ष तक राज किया.

* महाराष्ट्र सरकार ने 2006 से 26 जून को शाहू महाराज की जयंती को "सामाजिक न्याय दिवस" के रूप में मनाने की घोषणा की है।

* शाहू महाराज ने पिछड़े वर्गों के लिए सरकारी नौकरियों में 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का निर्णय लिया.

* उन्होंने बाघ-मुरली निवारण एवं महिला पुनर्विवाह अधिनियम बनाया.

* शाहूजी ने अपने राज्य में अंतरजातीय विवाह को मान्यता देने वाला कानून बनाया और खुद भी कुछ विवाह संपन्न कराए.

* शाहूजी ने अछूतों के लिए ‘मिस क्लार्क; नामक छात्रावास की स्थापना की, और 15 प्रतिशत छात्रवृत्ति की घोषणा की.