Shab E Meraj Mubarak 2024 Wishes: शब-ए-मेराज मुबारक! शेयर करें ये शानदार WhatsApp Stickers, GIF Greetings, HD Images और Wallpapers

शब-ए-मेराज को इस्लाम धर्म में काफी महत्वपूर्ण बताया गया है, जिसे लेकर लोगों की अपनी मान्यताएं एवं आस्था है. रजब महीने की 27वीं तारीख को इस्लाम धर्म के लोग रातभर अल्लाह की इबादत करते हैं. इसके साथ ही इसकी मुबारकबाद भी दी जाती है. ऐसे में आप भी इन शानदार विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस और वॉलपेपर्स के जरिए अपनों को शब-ए-मेराज मुबारक कह सकते हैं.

शब-ए-मेराज 2024 (Photo Credits: File Image)

Shab E Meraj Mubarak 2024 Wishes in Hindi: शब-ए-मेराज (Shab E Meraj)  दुनिया भर के मुस्लिम समुदाय द्वारा मनाया जाना वाला एक प्रमुख पर्व है, जिसे पैगंबर मोहम्मद साहब के जीवन का एक प्रमुख हिस्सा माना गया है, जो किसी चमत्कार से कम नहीं है. इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन पैगंबर मोहम्मद साहब को इसरा और मेराज की यात्रा के दौरान अल्लाह की विभिन्न निशानियों का अनुभव हुआ था. इस यात्रा के पहले हिस्से को इसरा, जबकि दूसरे हिस्से को मेराज के नाम से जाना जाता है. इस्लामिक कैलेंडर के रजब महीने की 27वीं रात को पैगंबर मोहम्मद साहब ने मक्का से येरुशलम की चालीस दिन की यात्रा महज कुछ ही घंटों में ही पूरी कर ली थी, फिर सातों आसमानों की यात्रा करके उन्होंने सशरीर अल्लाहतआला के दर्शन प्राप्त किए थे. इस दिन दुनिया भर के मुलमान शब-ए-मेराज को धूमधाम से मनाते हैं. इस साल भारत में शब-ए-मेराज 7 फरवरी 2024 को मनाया जा रहा है.

शब-ए-मेराज को इस्लाम धर्म में काफी महत्वपूर्ण बताया गया है, जिसे लेकर लोगों की अपनी मान्यताएं एवं आस्था है. रजब महीने की 27वीं तारीख को इस्लाम धर्म के लोग रातभर अल्लाह की इबादत करते हैं. इसके साथ ही इसकी मुबारकबाद भी दी जाती है. ऐसे में आप भी इन शानदार विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस और वॉलपेपर्स के जरिए अपनों को शब-ए-मेराज मुबारक कह सकते हैं.

1- शब-ए-मेराज मुबारक

शब-ए-मेराज 2024 (Photo Credits: File Image)

2- शब-ए-मेराज 2024

शब-ए-मेराज 2024 (Photo Credits: File Image)

3- लैलत अल मिराज

शब-ए-मेराज 2024 (Photo Credits: File Image)

4- लैलत अल मिराज 2024

शब-ए-मेराज 2024 (Photo Credits: File Image)

5- शब-ए-मेराज मुबारक 2024

शब-ए-मेराज 2024 (Photo Credits: File Image)

गौरतलब है कि 'शब-ए-मेराज' (Shab-e-Miraj) को 'लैलात अल मिराज' (Lailat Al Miraj) या 'द नाइट ऑफ एसेंट' (The Night of Ascent) भी कहा जाता है. इस्लामिक शास्त्रों के अनुसार, पैगंबर मोहम्मद को इस रात स्वर्ग में पांच अनिवार्य प्रार्थनाएं दी गई थीं. इसके साथ ही वो अन्य नबियों से मिले और कुछ असाधारण दृश्यों को अनुभव किया. जैसा कि पहली इस्लामी तीर्थयात्रा येरूशलम में स्थित थी और पैगंबर मोहम्मद साहब वर्तमान तीर्थ स्थल मक्का से वहां गए थे. पैगंबर मोहम्मद ने इस्लाम के दो महत्वपूर्ण स्थलों के बीच की दूरी को कवर किया था. कुछ इस्लामिक विद्वान शब-ए-मेराज को 'बिदाह' कहते हैं, जिसका अर्थ है धर्म में नवीनता. उपमहाद्वीप के देशों में मुसलमान इसे अनिवार्य बताते हुए इस रात नमाज अदा करते हैं.

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