Shab-e-Barat 2021 Wishes & Images: शब-ए-बारात मुबारक! दोस्तों-रिश्तेदारों को भेजें ये हिंदी WhatsApp Stickers, Facebook Greetings, GIFs और वॉलपेपर्स
शब-ए-बारात की रात अल्लाह की इबादत और अपने गुनाहों की माफी मांगने के अलावा इस्लाम धर्म के लोग एक-दूसरे को इस पाक रात की बधाई भी देते हैं. ऐसे में आप भी अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को शब-ए-बारात मुबारक कह सकें, इसलिए हम लेकर आए हैं शब-ए-बारात के मनमोहक विशेज, इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, जीआईएफ और वॉलपेपर्स, जिन्हें आप सोशल मीडिया के जरिए भेजकर मुबारकबाद दे सकते हैं.
Shab-e-Barat 2021 Wishes & Images: इस्लामिक कैलेंडर (Islamic Calendar) के अनुसार, शब-ए-बारात (Shab-e-Barat) शाबान महीने की 14वीं और 15वीं तारीख की मध्य रात को मनाया जाता है. हिजरी कैलेंडर के मुताबिक, शब-ए-बारात की रात शाबान महीने (Shabaan Month) की 14वीं तारीख को सूर्यास्त के बाद शुरू होती है. शब का अर्थ है रात, जबकि बारात का मतलब है बरी होना. इस साल शब-ए-बारात का पर्व 28 मार्च से लेकर 29 मार्च तक मनाया जाएगा. कहा जाता है कि इस रात इबादत करने से लोगों के सारे गुनाह माफ हो जाते हैं, इसलिए लोग शब-ए-बारात की रात अल्लाह की इबादत करते हैं और उनसे अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं. इसके अलावा लोग अपने पूर्वजों के लिए भी अल्लाह से दुआ करते हैं.
इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, इस रात अल्लाह अपने बंदों का हिसाब-किताब रखने के लिए आते हैं, इसलिए माना जाता है कि इस दिन सच्चे दिल से अल्लाह की इबादत करने और अपने गुनाहों की माफी मांगने पर अल्लाह अपने बंदों पर मेहरबान होते हैं और उनके लिए जन्नत के दरवाजे खोल देते हैं.
शब-ए-बारात की रात अल्लाह की इबादत और अपने गुनाहों की माफी मांगने के अलावा इस्लाम धर्म के लोग एक-दूसरे को इस पाक रात की बधाई भी देते हैं. ऐसे में आप भी अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को शब-ए-बारात मुबारक कह सकें, इसलिए हम लेकर आए हैं शब-ए-बारात (Shab-e-Barat Mubarak) के मनमोहक विशेज, इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, जीआईएफ और वॉलपेपर्स, जिन्हें आप सोशल मीडिया के जरिए भेजकर मुबारकबाद दे सकते हैं.
1- शब-ए-बारात 2021
2- शब-ए-बारात 2021
3- शब-ए-बारात 2021
4- शब-ए-बारात 2021
5- शब-ए-बारात 2021
गौरतलब है कि शब-ए-बारात की रात मुस्लिम समुदाय के लोग मस्जिदों और कब्रिस्तानों में जाकर अपने और अपने पूर्वजों के लिए अल्लाह से इबादत करते हैं. इस रात मस्जिदों में नमाज पढ़कर लोग खुदा से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं. मस्जिदों और कब्रिस्तानों में खास सजावट की जाती है और घरों में स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं, फिर इबादत के बाद उसे गरीबों में बांटा जाता है. शब-ए-बारात को इस्लाम धर्म के चार मुकद्दस रातों में से एक माना जाता है.