Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti 2021 Wishes: सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती की इन WhatsApp Stickers, Facebook Messages, GIF Greetings के जरिए दें शुभकामनाएं
सरदार पटेल ने भारत के एकीकरण में अपना महत्वूर्ण योगदान दिया था, इसलिए उन्हें लौह पुरुष के रूप में जाना जाता है. भारत को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाने वाले सरदार पटेल स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री थे. उन्होंने देसी रियासतों को भारत में मिलाने का सराहनीय कार्य कर दिखाया था. उनकी जयंती पर आप इन विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स के जरिए शुभकामनाएं दे सकते हैं.
Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti 2021 Wishes in Hindi: हर साल 31 अक्टूबर को भारत के लौह पुरुष (Iron Man) कहे जाने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती (Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti) मनाई जाती है, जिसे राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day) के तौर पर भी जाना जाता है. दरअसल, साल 2014 में 31 अक्टूबर को मनाए जाने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) जयंती को भारत सरकार ने राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाने का ऐलान किया था, जिसके बाद से हर साल इस दिन को धूमधाम से मनाया जाता है. सरदार पटेल (Sardar Patel) का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नाडियाद में हुआ था. उनकी माता का नाम लाडबा पटेल, जबकि पिता का नाम झावेर भाई पटेल था. भारत की आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सरदार पटेल की इस साल 145वीं जयती मनाई जा रही है.
सरदार पटेल ने भारत के एकीकरण में अपना महत्वूर्ण योगदान दिया था, इसलिए उन्हें लौह पुरुष के रूप में जाना जाता है. भारत को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाने वाले सरदार पटेल स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री थे. उन्होंने देसी रियासतों को भारत में मिलाने का सराहनीय कार्य कर दिखाया था. उनकी जयंती पर आप इन विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स के जरिए शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती 2021
2- सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती 2021
3- सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती 2021
4- सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती 2021
5- सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती 2021
गौरतलब है कि सरदार पटेल ने देश की करीब 562 छोटी-बड़ी रियासतों का भरतीय संघ में विलीनीकरण कराया था और इसके जरिए भारतीय एकता का निर्माण करना उनकी महानतम देन थी. इतना ही नहीं उन्होंने भारत के संविधान को आकार देने भी अहम भूमिका निभाई. उन्होंने 24 जनवरी 1947 को संविधान के सभा द्वारा गठित सलाहकार समिति का नेतृत्व भी किया था, जिसकी जिम्मेदारी मौलिक और अल्पसंख्यक अधिकारों पर एक अंतरिम रिपोर्ट तैयार करनी थी.