Saraswati Puja/Basant Panchami 2020 Messages: देशभर में ज्ञान, विद्या और कला की देवी कही जाने वाली मां सरस्वती की पूजा का उत्सव (Saraswati Puja) धूमधाम से मनाया जाता है. सरस्वती पूजा को बसंत पंचमी (Basant Panchami) के नाम से जाना जाता है, जो वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन देवी सरस्वती का प्राकट्य हुआ था. कहा जाता है कि सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा ने जब संसार की रचना की तो उसमें पेड़-पैधे, जीव-जंतु सभी दिख रहे थे, लेकिन उन्हें किसी चीज की कमी महसूस हो रही थी. इस कमी को पूरी करने के लिए जब उन्होंने अपने कमंडल से जल निकालकर छिड़का तो उनके समक्ष एक सुंदर देवी प्रकट हुईं. वो कोई और नहीं, बल्कि देवी सरस्वती (Maa Saraswati) थीं, जो अपने एक हाथ में वीणा, दूसरे हाथ में पुस्तक, तीसरे हाथ में माला और चौथे हार को वर मुद्रा में धारए किए प्रकट हुई थीं.
सरस्वती पूजा और बसंत पंचमी के इस खास अवसर पर अपने प्रियजनों को प्यारे और भक्तिमय मैसेजेस भेजकर अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और प्रियजनों को शुभकामनाएं दे सकें, इसलिए हम आपके लिए लेकर आए हैं ये शानदार वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स और एसएमएस जिन्हें आप सोशल मीडिया के जरिए अपनों को भेज सकते हैं.
1- वीणा लेकर हाथ में,
सरस्वती हो आपके साथ में,
मिले मां का आशीर्वाद आपको हर दिन,
मुबारक हो आपको सरस्वती पूजा का ये दिन.
सरस्वती पूजा की शुभकामनाएं यह भी पढ़ें: Basant Panchami 2020 Wishes: बसंत पंचमी का पर्व है बेहद खास, भेजें ये खूबसूरत हिंदी WhatsApp Status, Facebook Greetings, Photo SMS, Wallpapers, GIF Images और दें अपनों को शुभकामनाएं
2- सरस्वती पूजा का प्यारा त्योहार,
आपके जीवन में लाए खुशी अपार,
मां सरस्वती विराजे आपके घर,
शुभकामना हमारी करें स्वीकार.
सरस्वती पूजा की शुभकामनाएं
3- बुद्धि विद्या देहु मोहि,
सुनहु सरस्वती मातु,
राम सागर अधम को,
आश्रय तू ही देदातु,
सरस्वती पूजा की शुभकामनाएं
4- सहस शील हृदय में भर दें,
जीवन त्याग से भर दें,
संयम, सत्य, स्नेह का वर दें,
मां सरस्वती आपके जीवन में उल्लास भर दें.
सरस्वती पूजा की शुभकामनाएं
5- किताबों का साथ हो, पेन पर हाथ हो,
कॉपियां आपके पास हो, पढ़ाई दिन-रात हो,
जिंदगी के हर इम्तिहान में आप पास हों,
मां सरस्वती का आप पर ऐसा आशीष हो.
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कहा जाता है कि जब मां सरस्वती ने वीणा बजाया तो संसार की प्रत्येक वस्तु में स्वर आ गया, इसलिए उन्हें स्वर की देवी सरस्वती भी कहा जाता है. माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को उनका प्राकट्य हुआ था, इसलिए इस दिवस को बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा के तौर पर धूमधाम से मनाया जाता है. बसंत पंचमी से मौसम में बदलाव होने लगता है और बसंत ऋतु के आगमन के साथ ही खेतों में पीली सरसों लहलहाने लगती है और चारों तरफ फैली हरियाली से पूरे वातावरण में सकारात्मकता महसूस होने लगती है.