Samhaji Maharaj Jayanti 2023 HD Images: संभाजी महाराज जयंती पर ये WhatsApp Stickers, GIF Greetings और Wallpapers भेजकर दें बधाई
संभाजी भोसले छत्रपति शिवाजी महाराज के सबसे बड़े पुत्र थे, जिन्होंने मराठा साम्राज्य की कमान संभाली और शिवाजी महाराज की मृत्यु के बाद गद्दी पर बैठे. संभाजी ने नौ वर्षों तक राज्य पर शासन किया. वह काफी हद तक मराठा साम्राज्य और मुगल साम्राज्य के साथ-साथ अन्य पड़ोसी शक्तियों जैसे कि सिद्धियों, मैसूर और गोवा में पुर्तगालियों के बीच चल रहे युद्धों से प्रभावित था...
Samhaji Maharaj Jayanti 2023 HD Images: संभाजी भोसले छत्रपति शिवाजी महाराज के सबसे बड़े पुत्र थे, जिन्होंने मराठा साम्राज्य की कमान संभाली और शिवाजी महाराज की मृत्यु के बाद गद्दी पर बैठे. संभाजी ने नौ वर्षों तक राज्य पर शासन किया. वह काफी हद तक मराठा साम्राज्य और मुगल साम्राज्य के साथ-साथ अन्य पड़ोसी शक्तियों जैसे कि सिद्धियों, मैसूर और गोवा में पुर्तगालियों के बीच चल रहे युद्धों से प्रभावित था. संभाजी महाराज धर्म के रक्षक थे. 40 दिनों तक प्रताड़ित होने के बावजूद संभाजी ने अपना धर्म नहीं छोड़ा. हालांकि, लोग संभाजी महाराज जयंती को मराठा शासन में उनके योगदान के लिए श्रद्धांजलि के रूप में मनाते हैं.
संभाजी का जन्म 14 मई, 1657 को पुरंदर किले में महान योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज और उनकी पहली पत्नी सईबाई के यहाँ हुआ था. छत्रपति जब दो वर्ष के थे तब उनकी माता का देहांत हो गया. इसलिए उनकी दादी जीजाबाई ने उनका पालन-पोषण किया. संभाजी का विवाह जीवुबाई (येसुबाई) से हुआ था. उनके दो बच्चे हुए भवानी बाई और शाहू. 1689 में, संभाजी को मुगलों द्वारा पकड़ लिया गया, प्रताड़ित किया गया और मार डाला गया. उनका उत्तराधिकारी उनके भाई राजाराम प्रथम थे. संभाजी जयंती हर साल बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है. उनकी जयंती के अवसर पर, यहां शुभकामनाओं और शुभकामनाओं का संग्रह है जिसे आप अपने मित्रों और परिवार को भेज सकते हैं.
1. संभाजी महाराज जयंती की शुभकामनाएं!
2. संभाजी महाराज जयंती की बधाई
3. संभाजी महाराज जयंती 2023
4. संभाजी महाराज जयंती की हार्दिक बधाई
5. संभाजी महाराज जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं!
छत्रपति संभाजी महाराज अपने पिता छत्रपति शिवाजी महाराज की तरह की वीर योद्धा और महान शासक थे. ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने 150 से भी अधिक युद्ध लड़े और किसी भी युद्ध में उन्हें हार का सामना नहीं करना पड़ा था. कहा जाता है कि महज 32 साल की उम्र में मुगल शासक औरंगजेब ने संभाजी महाराज की हत्या कर दी थी. अपने अद्भुत धैर्य, महान पराक्रम और शौर्य का परिचय देने वाले छत्रपति संभाजी महाराज का 11 मार्च 1689 को निधन हो गया था, जिसे संभाजी महाराज के बलिदान दिवस के तौर पर मनाया जाता है.