Safla Ekadashi 2019: साल 2019 की शुरुआत हो चुकी है और आज यानी 1 जनवरी 2019 (1st January 2019) को साल की पहली एकादशी है, जिसे सफला एकादशी (Safla Ekadashi) के नाम से जाना जाता है. हिंदू धर्म के पंचांग (Panchang)के अनुसार, पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी कहते हैं और एकादशी का व्रत भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को समर्पित है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सफला एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता मिलती है और इससे स्वास्थ्य व आयु की भी रक्षा होती है. इसके अलावा इस व्रत को करने से श्रीहरि (Shri Hari)की कृपा से व्यक्ति को कभी भौतिक सुखों की कमी नहीं होती है.
चलिए जानते हैं भगवान विष्णु को समर्पित सफला एकादशी का व्रत कैसे किया जाता है और इस व्रत में श्रीहरि की पूजा किस विधि से की जाती है?
व्रत और पूजा की विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें.
- इस दिन आप सुबह और शाम किसी भी वक्त श्रीहरि की पूजा कर सकते हैं.
- मंदिर या घर के पूजा स्थल पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का पूजन करें.
- सबसे पहले भगवान को गंगाजल से स्नान कराएं, फिर उन्हें वस्त्र या वस्त्र के रूप में कलावा अर्पित करें.
- उनके मस्तक पर सफेद चंदन या गोपी चंदन लगाएं, फिर पंचामृत, पुष्प और ऋतु फल अर्पित करें.
- पूजा के दौरान विष्णु सहस्त्रनाम और इस सफला एकादशी के व्रत की कथा पढ़ें या सुनें.
- धूप और दीप के साथ श्रीहरि के साथ माता लक्ष्मी की भी आरती करें.
- अगर संभव हो तो एकादशी के दिन रात्रि जागरण करें और भजन-कीर्तन करें.
- एकादशी के दिन पूजा के दौरान 108 बार "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जप करें.
- आज के दिन गर्म वस्त्र और अन्न का दान करना भी बेहद शुभ माना जाता है.
- अगले दिन यानी द्वादशी तिथि को सुबह दैनिक कार्यों से निवृत होकर ब्राह्मणों को भोजन कराएं.
- ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा दें और उसके बाद अपना व्रत खोलें. यह भी पढ़ें: Mokshada Ekadashi 2018: इस दिन व्रत रखने से मिलता है मोक्ष, जानें पूजा विधि और मंत्र
इस दिन न करें ये काम
- एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए.
- लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा जैसी तामसिक चीजों से दूर रहें.
- इस दिन गुस्सा नहीं करना चाहिए और पूरे दिन शांत मन से काम करना चाहिए.
- किसी की चुगली या बुराई करने जैसी बातों से दूर रहें.
- शाम के वक्त घर में देसी घी का दीया जलाकर पूजन-कीर्तन करें.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के व्रत को सभी व्रतों में उत्तम माना गया है. ऐसा कहा जाता है कि जो इस व्रत को करता है उसे श्रीहरि की कृपा प्राप्त होती हैं और मृत्यु के बाद मोक्ष मिलता है.