Roop Chaudas 2024 Messages: रूप चौदस के इन शानदार Quotes, WhatsApp Wishes, Facebook Greetings को भेजकर दें शुभकामनाएं
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाए जाने वाले रूप चौदस पर सुंदरता का वरदान पाने के लिए ‘ॐ ह्रीं सौन्दर्यं देहि कामेश्वराय ॐ नमः’ मंत्र का जप करना चाहिए. इस दिन उबटन लगाने के अलावा शरीर पर तिल का तेल लगाकर स्नान करना भी शुभ माना जाता है. इस अवसर पर आप इन शानदार हिंदी मैसेजेस, कोट्स, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स को भेजकर रूप चौदस की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
Roop Chaudas 2024 Messages in Hindi: दिवाली के मुख्य पर्व दीपावली (Deepavali) यानी लक्ष्मी पूजन से एक दिन पहले और धनतेरस के अगले दिन रूप चौदस (Roop Chaudas) का त्योहार मनाया जाता है, जिसे रूप चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रूप चौदस का त्योहार मनाया जाता है, जिसे नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi), काली चौदस (Kali Chaudas), भूत चतुर्दशी (Bhoot Chaturdashi) और छोटी दिवाली (Choti Diwali) के नाम से भी जाना जाता है. इस साल 30 अक्टूबर 2024 को रूप चौदस मनाया जा रहा है, जबकि उदयातिथि के अनुसार रूप चौदस का अभ्यंग स्नान 31 अक्टूबर को है. रूप चौदस पर अपने सौंदर्य को बढ़ाने के लिए लोग सूर्योदय से पहले उठकर हल्दी, चंदन, बेसन, शहद और दूध से बना उबटन अपने शरीर पर लगाते हैं, फिर स्नान करते हैं, ताकि उनकी सुंदरता में गजब का निखार आ सके.
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाए जाने वाले रूप चौदस पर सुंदरता का वरदान पाने के लिए ‘ॐ ह्रीं सौन्दर्यं देहि कामेश्वराय ॐ नमः’ मंत्र का जप करना चाहिए. इस दिन उबटन लगाने के अलावा शरीर पर तिल का तेल लगाकर स्नान करना भी शुभ माना जाता है. इस अवसर पर आप इन शानदार हिंदी मैसेजेस, कोट्स, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स को भेजकर रूप चौदस की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
कहा जाता है कि रूप चौदस के दिन अपामार्ग को अपने सिर से घूमाकर नदी में प्रवाहित करने से नर्क यातना या अकाल मृत्यु का भय दूर होता है. रूप चौदस का संबंध स्वच्छता से है, इसलिए इस दिन लोग अपने घरों की साफ-सफाई करने के साथ-साथ अपने शरीर की स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान देते हैं. ऐसी मान्यता है कि रूप चौदस के दिन शरीर पर उबटन लगाकर स्नान करने से व्यक्ति का सौंदर्य सालों तक बरकरार रहता है. इस दिन मृत्यु के देवता यमराज, मां काली और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है. इस दिन दीप दान करने से यमराज प्रसन्न होते हैं और अकाल मृत्यु के साथ-साथ यम यातना का भय दूर होता है.