Rani Lakshmi Bai Punyatithi 2020: खूब लड़ी मर्दानी वो तो... जानें 1857 के गदर की नींव रखने वाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के जीवन से जुड़ी रोचक बातें

आज (18 जून 2020) झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि है. 1857 के विद्रोह की नींव रखने वाली झांसी की इस वीरांगना ने अपनी आखिरी सांस तक मातृभूमि की रक्षा की. महज 23 साल की उम्र में 18 जून 1858 को उन्होंने रणभूमि में लड़ते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए.

झांसी की रानी लक्ष्मीबाई (Photo Credits: Wikimedia Commons)

Rani Lakshmi Bai Death Anniversary 2020: आज (18 जून 2020) झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि (Rani Lakshmi Bai Punyatithi) है. कवियित्री सुभद्रा कुमारी चौहान (Subhadra Kumari Chauhan)  की कविता 'खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी'... आज भी झांसी की इस वीरांगना (Queen Of Jhansi) की वीरता की गाथा को बयां करती है. एक ऐसा दौर था जब कई रियासतों के राजाओं ने अंग्रेजी हुकूमत के आगे घुटने टेक दिए, लेकिन झांसी की रानी लक्ष्मीबाई (Rani Lakshmi Bai) को किसी भी हाल में अंग्रेजों के सामने झुकना मंजूर नहीं था. उन्होंने अपनी झांसी को बचाने के लिए न सिर्फ अंग्रेजों से डटकर लोहा लिया, बल्कि रणभूमि में उनका डटकर सामना भी किया.

1857 के विद्रोह (Revolt of 1857) की नींव रखने वाली झांसी की इस वीरांगना ने अपनी आखिरी सांस तक मातृभूमि की रक्षा की. महज 23 साल की उम्र में 18 जून 1858 को उन्होंने रणभूमि में लड़ते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए. चलिए जानते हैं झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की 162वीं जयंती पर उनके जीवन से जुड़ी रोचक बातें...

रानी लक्ष्मीबाई से जुड़ी रोचक बातें

अंग्रेजों से लड़ते समय एक अंग्रेज सैनिक रानी पर तलवार से हमला करने में कामयाब रहा, जिससे उन्हें काफी चोटें आई और महज 23 साल की उम्र में अंग्रेजों से लोहा लेते हुए झांसी की रानी लक्ष्मीबाई युद्धभूमि में वीरगति को प्राप्त हुईं.

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