Rajmata Jijau Jayanti 2024 Wishes in Marathi: राजमाता जीजाबाई की जयंती पर इन मराठी WhatsApp Messages, Quotes, Facebook Greetings के जरिए करें उन्हें याद
राजमाता जीजाबाई के मार्गदर्शन और उनके द्वारा दी गई शिक्षा की बदौलत ही शिवाजी भोसले छत्रपति शिवाजी महाराज कहलाए, इसके साथ ही वो एक वीर योद्धा, महान मराठा शासक, राष्ट्रभक्त और कुशल प्रशासक बने. राजमाता जीजाऊ की जयंती पर आप इन मराठी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए उन्हें याद कर सकते हैं.
Rajmata Jijabai Jayanti 2024 Wishes in Marathi: महान मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) की मां और भारत की वीर माता के नाम से लोकप्रिय राजमाता जीजाबाई (Rajmata Jijabai) का जन्म 12 जनवरी 1598 को महाराष्ट्र (Maharshtra) के बुलढाणा (Buldhana) स्थित सिंधखेड़ में हुआ था, इसलिए हर साल 12 जनवरी को राजमाता जीजाबाई जयंती (Rajmata Jijau jayanti) मनाई जाती है. बचपन में उन्हें जीजाऊ के नाम से पुकारा जाता था. जीजाबाई के पिता का नाम लखुजी जाधव और माता का नाम महालसाबाई था. उनके पिता लखुजी जाधव निजामशाह के पंचहजारी सरदार थे. जीजाबाई का विवाह बेहद कम उम्र में शाहजी राजे भोसले के साथ हुआ था. कहा जाता है कि शाहजी ने तत्कालीन निजामशाही सल्तनत पर मराठा साम्राज्य की स्थापना करने की कोशिश की, लेकिन मुगलों और आदलीशाही ने हाथ मिला लिया, जिसके चलते शाहजी हार गए. संधि शर्तों के अनुसार, हार के बाद उन्हें दक्षिण की ओर जाना पड़ा, जहां अफजल खान के साथ लड़ाई के दौरान शाहजी और उनके बड़े बेटे संभाजी राजे भोसले मारे गए.
शाहजी भोसले की मृत्यु की खबर सुनने के बाद जीजाबाई ने उनके साथ सती होने की कोशिश की, लेकिन शिवाजी ने अनुरोध करके अपनी मां को ऐसा करने से रोक लिया. जीजाबाई का जीवन त्याग और साहस से भरा हुआ था, उन्होंने बचपन से ही अपने बेटे शिवाजी को तीर, तलवार जैसे अस्त्र-शस्त्र चलाने की शिक्षा दी. इसके साथ ही उन्होंने पुत्र शिवाजी महाराज के भीतर राष्ट्रभक्ति और नैतिक चरित्र के बीज बोए. अपनी मां के मार्गदर्शन और उनके द्वारा दी गई शिक्षा की बदौलत ही शिवाजी भोसले छत्रपति शिवाजी महाराज कहलाए, इसके साथ ही वो एक वीर योद्धा, महान मराठा शासक, राष्ट्रभक्त और कुशल प्रशासक बने. राजमाता जीजाऊ की जयंती पर आप इन मराठी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए उन्हें याद कर सकते हैं.
1- स्वराज्याचा जिने घडविला विधाता….
धन्य ती स्वराज्य जननी जिजामाता …
जय भवानी ! जय शिवाजी ! जय जिजाऊ
राजमाता जिजाबाई यांच्या जयंती निमित्त
विनम्र अभिवादन!
2- महाराष्ट्राच्या मातीमध्ये रोवलेली
पहार काढून ज्या माऊलीने
गुलामगिरीच्या छाताडावर प्रहार केला
त्या थोर ‘राजमाता जिजाऊला’ मानाचा मुजरा !
राजमाता जिजाबाई यांच्या जयंती निमित्त
त्यांच्या स्मृतीस त्रिवार अभिवादन!
3- जिजाऊ ची गौरव गाथा
तिच्या चरणी माझा माथा..
स्वराज्यप्रेरिक राजमाता
राष्ट्रमाता माँसाहेब जिजाऊ यांना विनम्र अभिवादन.
4- मुजरा त्या मातेला,
जिने घडविला राजा रयतेचा ।।
गनिमांस तिने नमविला,
वसा स्वराज्याचा चालविला।।
जन्माला तिच्या पोटी,
गुणगान असे रयतेच्या ओठी ।।
तिने दिले शिव आणि छावा,
मिळाला महाराष्ट्रास स्वराज्याचा ठेवा ।।
रचली स्वराज्याची गाथा,
दैवत असे ती राजमाता ।।
5- ज्यांनी हिंदवी स्वराज्याचं बीज छत्रपती शिवाजी महाराजांच्या मनात रोवलं,
त्यांच्या अंगी अन्यायाविरुद्ध लढण्याची वृत्ती बाणवली अशा आपल्या सर्वांचं प्रेरणास्थान,
राजमाता जिजाऊ यांना त्रिवार वंदन!
6- थोर तुमचे कर्म जिजाऊसाहेब
उपकार कधी ना फिटणार…
चंद्र सूर्य असे पर्यंत
नाव तुमचे न मिटणार…
स्वराज्य प्रेरीका राजमाता राष्ट्रमाता जिजाऊ माँ साहेब
यांना कोटी कोटी प्रणाम!!
राजमाता जीजाबाई एक महान वीरांगना होने के साथ ही बुद्धिमान और बेहद साहसी महिला थीं. उन्होंने मराठा साम्राज्य को स्थापित करने के साथ ही इस साम्राज्य की नींव को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के कुछ दिनों बाद 17 जून 1674 को राजमाता जीजाबाई का निधन हो गया. जीजाबाई के निधन के बाद छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपनी मां की दी हुई शिक्षा और देश प्रेम से प्रेरित होकर मराठा साम्राज्य का विस्तार किया.