Rabindranath Tagore Jayanti 2020 Quotes In Hindi: महान बांग्ला कवि, गीतकार, संगीतकार, कहानीकार, नाटककार, चित्रकार, रचनाकार और निबंध लेखक रबींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) की जयंती हर साल 7 मई को मनाई जाती है. उन्होंने भारत के राष्ट्रगान 'जन गण मन' की रचना की थी, इसके साथ ही वे बांग्लादेश के राष्ट्रगान 'आमार सोनार बांग्ला' के भी रचयिता कहलाते हैं. कबीगुरु या गुरुदेव जैसे नामों से मशहूर रबींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 को पश्चिम बंगाल के कलकत्ता (कोलकाता) में हुआ था. महज 8 साल की छोटी सी उम्र में उन्होंने अपनी पहली कविता लिखी थी और 16 साल की उम्र में उनकी पहली लघुकथा प्रकाशित हुई थी.
रबींद्रनाथ ठाकुर (Rabindranath Thakur) एक साहित्यकार और महान क्रांतिकारी भी थे. स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जलियावाला बाग हत्याकांड का विरोध करते हुए नाइट हुड की उपाधि लौटा दी थी. इस साल रबींद्रनाथ टैगोर की 159वीं जयंती मनाई जा रही है. इस खास अवसर पर आप वॉट्सऐप, फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम के जरिए रबींद्रनाथ टैगोर के इन अनमोल विचारों (Inspirational Quotes of Rabindranath Thakur) को भेजकर प्रियजनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- हर एक कठिनाई जिससे आप मुंह मोड़ लेते हैं, वो आगे एक भूत बनकर आपकी नींद में बाधा डालेगी.
2- जो कुछ भी हमारा है वह स्वयं हम तक चलकर आता है, अगर हम उसे ग्रहण करने की क्षमता रखते हैं.
3- तथ्य कई हैं पर सत्य एक है, अगर आप सभी गलतियों के लिए दरवाजे बंद करेंगे तो सच बाहर ही रह जाएगा.
4- आस्था... वो पक्षी है जो रात के अंधकार में भी सुबह के उजाले को महसूस करता है.
5- मैं एक आशावादी व्यक्ति हूं, अगर मैं एक दरवाजे से नहीं जा पाया तो दूसरे से जाऊंगा या फिर एक नया दरवाजा बनाऊंगा.
6- हमें यह प्रार्थना नहीं करनी चाहिए कि हम पर परेशानियां न आएं, बल्कि यह प्रार्थना करें कि हम उनका सामना निडर होकर करें.
7- प्रेम चाहे किसी से भी हो, वो कभी अधिकार का दावा नहीं करता, क्योंकि प्रेम स्वतंत्रता देता है.
8- वर्तमान चाहे कितना ही अंधकारमय क्यों न हो, कोशिश करेंगे तो कुछ शानदार सामने आएगा.
9- बर्तन में रखा पानी चमकता है, जबकि समुद्र का पानी अस्पष्ट होता है. लघु सत्य स्पष्ट शब्दों में बताया जा सकता है, जबकि महान सत्य हमेशा मौन रहता है.
10- नदी के किनारे खड़े होकर सिर्फ पानी को देखने से आप नदी पार नहीं कर सकते, इसके लिए आपको उसके भीतर जाना होगा.
वैसे तो अपने जीवन काल में रबींद्रनाथ टैगोर ने कई लोकप्रिय रचनाएं लिखीं, लेकिन उन सबमें गीतांजलि लोगों को इतनी ज्यादा पसंद आई कि उसका अनुवाद अंग्रेजी, जर्मन, फ्रेंच, जापानी, रूसी इत्यादि भाषाओं में किया गया. गीतांजलि के अलावा उनकी रचनाओं में काबुलीवाला, मास्टर साहब और पोस्टमास्टर जैसी कई कहानियां आज भी लोगों को बेहद पसंद आती हैं.