Puthandu 2022 HD Images: हैप्पी पुथांडु! प्रियजनों संग शेयर करें ये WhatsApp Stickers, GIF Greetings, Wallpapers और Photo SMS
पुथांडु के खास अवसर पर तमिल भाषी लोग अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को पुथांडु 'वाल्टतुक्का' कहकर बधाई देते हैं. वाल्टतुक्का का अर्थ है नए साल की हार्दिक शुभकामनाएं, ऐसे में तमिल न्यू ईयर के इस विशेष मौके पर आप भी अपने प्रियजनों को इन एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स के जरिए हैप्पी पुथांडु कह सकते हैं.
Puthandu 2022 HD Images: ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, पुथांडु (Puthandu) का त्योहार हर साल 14 अप्रैल को मनाया जाता है. इस उत्सव को विशेष रुप से तमिलनाडु (Tamil Nadu) में मनाया जाता है. पुथांडु तमिल कैलेंडर (Tamil Calendar) का पहला दिन होता है, इसलिए इसे तमिल नव वर्ष (Tamil New Year) या पुथुवरुशम भी कहा जाता है. इसी दिन केरल में विशु (Vishu) और मध्य व उत्तर भारत में बैसाखी (Baisakhi) का त्योहार भी मनाया जाता है. दरअसल, अप्रैल महीने में तमिल न्यू ईयर मनाने की प्रथा पूर्व तमिल साहित्य से जुड़ी हुई है. राज्य के दक्षिण इलाके में रहने वाले लोग पुथांडु को 'चित्तिरै विशु' के नाम से सेलिब्रेट करते हैं. इस दिन घर के मुख्य द्वार पर रंगीन चावल के पाउडर से सुंदर कोलम बनाया जाता है. इसके साथ ही घरों में स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं और लोग एक-दूसरे को नए साल की शुभकामनाएं देते हैं.
पुथांडु के खास अवसर पर तमिल भाषी लोग अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को पुथांडु 'वाल्टतुक्का' कहकर बधाई देते हैं. वाल्टतुक्का का अर्थ है नए साल की हार्दिक शुभकामनाएं, ऐसे में तमिल न्यू ईयर के इस विशेष मौके पर आप भी अपने प्रियजनों को इन एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स के जरिए हैप्पी पुथांडु कह सकते हैं.
1- पुथांडु की हार्दिक शुभकामनाएं
2- हैप्पी तमिल न्यू ईयर
3- हैप्पी पुथांडु
4- तमिल नव वर्ष की शुभकामनाएं
5- पुथांडु की हार्दिक बधाई
तमिलनाडु में रहने वाले तमिल भाषी लोग पुथांडु के त्योहार को अपने परिवार और करीबियों के साथ मिलकर धूमधाम से मनाते हैं. इस दिन सभी लोग अपने-अपने घरों की साफ-सफाई करने के बाद उसे फूलों और रंगीन लाइटों से सजाते हैं. इस दिन स्नान करने के बाद लोग नए वस्त्र धारण करते हैं और फिर मंदिर में पूजा करने के लिए पहुंचते हैं. भगवान की पूजा करने के बाद सभी अपने परिवार की सुख-शांति के लिए प्रार्थना करते हैं, फिर लोग अपने घर के बड़े-बुजुर्गों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेते हैं.