Pradosh Vrat In Year 2020: त्रयोदशी तिथि है भगवान शिव को अति प्रिय, साल 2020 में कब-कब है प्रदोष व्रत, देखें पूरी लिस्ट
हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है. त्रयोदशी की यह पावन तिथि भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है. साल भर में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं और हर महीने के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को यह व्रत किया जाता है. इस व्रत से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, व्यक्ति को अपने पाप कर्मों से मुक्ति मिलती है.
Pradosh Vrat In Year 2020: हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने की त्रयोदशी तिथि (Trayodashi Tithi) को प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) किया जाता है. त्रयोदशी की यह पावन तिथि भगवान शिव (Lord Shiva) को अत्यंत प्रिय है. साल भर में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं और हर महीने के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को यह व्रत किया जाता है. मान्यता है कि इस व्रत का फल सप्ताह में पड़ने वाले दिनों के अनुसार अलग-अलग होता है. कहा जाता है कि शनिवार का प्रदोष व्रत रखने से निसंतान दंपत्तियों को संतान सुख की प्राप्ति होती है. सोमवार को पड़ने वाला सौम्य प्रदोष व्रत समस्त कामनाओं की पूर्ति करने वाला माना जाता है. इस तरह से सप्ताह के अलग-अलग दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत का फल भी उसी के अनुसार अलग-अलग होता है.
यह व्रत कितना महत्वपूर्ण है, इसका जिक्र स्कंद पुराण में मिलता है. इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना की जाती है. माना जाता है कि इस व्रत से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, व्यक्ति को अपने पाप कर्मों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है. अगर आप समस्त इच्छाओं की पूर्ति करने वाले प्रदोष व्रत का पालन करते हैं या फिर नए साल में प्रदोष व्रत करने की सोच रहे हैं तो हम आपके लिए लेकर आए हैं साल 2020 में पड़ने वाले प्रदोष व्रत की तिथियों की पूरी लिस्ट (List of Pradosh Vrat In Year 2020).
साल 2020 में पड़ने वाले प्रदोष व्रत-
तारीख | दिन | त्रयोदशी व्रत |
8 जनवरी 2020 | बुधवार | प्रदोष व्रत (पौष शुक्ल) |
22 जनवरी 2020 | बुधवार | प्रदोष व्रत (माघ कृष्ण) |
6 फरवरी 2020 | गुरुवार | प्रदोष व्रत (माघ शुक्ल) |
20 फरवरी 2020 | गुरुवार | प्रदोष व्रत (फाल्गुन कृष्ण) |
7 मार्च 2020 | शनिवार | शनि प्रदोष व्रत (फाल्गुन शुक्ल) |
21 मार्च 2020 | शनिवार | शनि प्रदोष व्रत (चैत्र कृष्ण) |
5 अप्रैल 2020 | रविवार | प्रदोष व्रत (चैत्र शुक्ल) |
20 अप्रैल 2020 | सोमवार | सोम प्रदोष व्रत (वैशाख कृष्ण) |
5 मई 2020 | मंगलवार | भौम प्रदोष व्रत (वैशाख शुक्ल) |
19 मई 2020 | मंगलवार | भौम प्रदोष व्रत (ज्येष्ठ कृष्ण) |
3 जून 2020 | बुधवार | प्रदोष व्रत (ज्येष्ठ शुक्ल) |
18 जून 2020 | गुरुवार | प्रदोष व्रत (आषाढ कृष्ण) |
2 जुलाई 2020 | गुरुवार | प्रदोष व्रत (आषाढ शुक्ल) |
18 जुलाई 2020 | शनिवार | शनि प्रदोष व्रत (श्रावण कृष्ण) |
1 अगस्त 2020 | शनिवार | शनि प्रदोष व्रत (श्रावण शुक्ल) |
16 अगस्त 2020 | रविवार | प्रदोष व्रत (भाद्रपद कृष्ण) |
30 अगस्त 2020 | रविवार | प्रदोष व्रत (भाद्रपद शुक्ल) |
15 सितंबर 2020 | मंगलवार | भौम प्रदोष व्रत (प्रथम आश्विन कृष्ण) |
29 सितंबर 2020 | मंगलवार | भौम प्रदोष व्रत (प्रथम आश्विन शुक्ल) |
14 अक्टूबर 2020 | बुधवार | प्रदोष व्रत (द्वितीय आश्विन कृष्ण) |
28 अक्टूबर 2020 | बुधवार | प्रदोष व्रत (द्वितीय आश्विन शुक्ल) |
13 नवंबर 2020 | शुक्रवार | प्रदोष व्रत (कार्तिक कृष्ण) |
27 नवंबर 2020 | शुक्रवार | प्रदोष व्रत (कार्तिक शुक्ल) |
12 दिसंबर 2020 | शनिवार | शनि प्रदोष व्रत (मार्गशीर्ष कृष्ण) |
27 दिसंबर 2020 | रविवार | प्रदोष व्रत (मार्गशीर्ष शुक्ल) |
गौरतलब है कि प्रदोष व्रत में शाम के समय प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है. पूजन से पहले स्नान करके सफेद वस्त्र धारण करना चाहिए, फिर किसी शिव मंदिर या घर के मंदिर में भगवान शिव का अभिषेक कर उन्हें बेलपत्र अर्पित करें. इसके बाद धूप-दीप इत्यादि से विधिवत पूजन करें. प्रदोष व्रत की कथा का पाठ करें और पूजन के दौरान ओम् नम: शिवाय मंत्र का जप करें. पूजा के बाद भगवान शिव की आरती उतारें और प्रसाद लोगों में बांट दें, फिर फलाहार कर अगले दिन इस व्रत का पारण करें.