Onam 2022 Messages in Hindi : ओणम (Onam) केरल (Kerala) में मनाए जाने वाले पर्वों में से एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो मलयालम कैलेंडर, कोल्लामेरा (Kollamera) के चिंगम (Chingam) महीने में आता है. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, यह अगस्त और सितंबर महीने के बीच में पड़ता है. इस साल ओणम 30 अगस्त से शुरु हुआ है और समापन 8 सितंबर 2022 को हो रहा है. मुख्यतौर पर ओणम केरल का चावल फसल उत्सव (Rice Harvest Festival) है, जिसे बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. इस त्योहार को मनाने के लिए लोग अपने घर-द्वार को सजाते हैं. इसके साथ ही पूरे दस दिनों तक इस पर्व को मनाया जाता है और लोग इस दौरान अपने दोस्तों-करीबियों और प्रियजनों को शुभकामनाएं देते हैं. दस दिवसीय उत्सव में अथम, चिथिरा, चोढ़ी, विशाकम, थ्रीकेता, मूलम, पूरदम, उत्तरदम और थिरूवोनम इत्यादि शामिल हैं. हालांकि पहले और आखिरी दिन का विशेष महत्व बताया जाता है.
कहा जाता है कि राजा महाबली की घर वापसी की खुशी में ओणम का त्योहार मनाया जाता है. इस उत्सव को मनाने के लिए लोग अपने घरों को सजाते हैं, द्वार पर रंगोली बनाते हैं और स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं. साथ ही एक-दूसरे को बधाई देते हैं. ऐसे में आप भी इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स और जीआईएफ इमेजेस के जरिए अपनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- ओणम के साथ ही आपके,
जीवन में नई रोशनी आए,
उन्नति के नए रास्ते खुले,
खुशियां सदा के लिए आपके जीवन में बस जाएं.
ओणम की शुभकामनाएं
2- ओणम के शुभ अवसर पर,
आपके जीवन में खुशहाली आए,
अच्छा स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि मिले,
आपको और आपके पूरे परिवार को,
ओणम की शुभकामनाएं…
3- बुराई की हार, खुशियों का त्योहार,
प्यार की बौछार, मिठाइयों की बहार,
ओणम के इस शुभ अवसर पर,
आप सभी को मिले खुशियां अपार…
ओणम की शुभकामनाएं
4- आपके जीवन में हमेशा बिखरे प्यार के रंग,
आपके जीवन में कभी न आए कोई भी गम,
मिले आपको सुख-समृद्धि और अच्छी सेहत,
ओणम के अवसर पर करते हैं बस यही दुआ हम.
ओणम की शुभकामनाएं
5- अपने घर को फूलों की रंगोली से सजाएं,
स्वादिष्ट पकवानों का लुत्फ उठाएं,
राजा महाबली का धूमधाम से स्वागत करें,
इस त्योहार का पूरे परिवार के साथ आनंद उठाएं.
ओणम की शुभकामनाएं
ओणम से जुड़ी प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, राजा महाबली ने तीनों लोकों पर अपना अधिकार कर लिया था. ऐसे में जब वो यज्ञ कर रहे थे, तब भगवान विष्णु वामन का अवतार लेकर उनके पास पहुंचे और उनसे दान में तीन पग जमीन की मांग की. यज्ञ के दौरान ब्राह्मण वामन को राजा बलि ने तीन पग भूमि लेने के लिए कहा, जिसके बाद उन्होंने अपने दो पग में पूरे ब्रह्मांड को नाप लिया, लेकिन जब तीसरे पैर को रखने के लिए कोई जगह नहीं बची तो राजा महाबली ने उनके सामने अपने शीश झुका दिए. महाबली की इस उदारता से प्रसन्न होकर वामन ने उन्हें साल में एक बार अपनी भूमि पर जाने की अनुमति दी, इसलिए राजा महाबली के आने की खुशी से में इस त्योहार को मनाया जाता है.