Nowruz 2021: पारसी समुदाय का नव वर्ष है नवरोज, जानें इतिहास, महत्व और इससे जुड़ी परंपराएं
नवरोज 2021 (Photo Credits: File Image)

Nowruz 2021: पारसी समुदाय (Persian Community) के लोगों के नव वर्ष नवरोज (Nowruz) को विभिन्न नामों से जाना जाता है. नवरोज (Navroz) एक फारसी शब्द है, जिसमें 'नव' का मतलब 'नया' और 'रोज' का अर्थ 'दिन' होता है, इसलिए नवरोज को एक नए दिन की प्रतीक माना जाता है. नवरूज ईरानी समुदाय (Iranian Community) द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है, जबकि भारत में पारसी समुदाय के लोग नवरोज को पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाते हैं. नवरोज को ईरान में ऐदे-नवरोज कहते हैं. नवरोज वसंत के पहले दिन को चिह्नित करता है, जो आमतौर पर 21 मार्च को होता है. इसे 300 मिलियन से अधिक लोगों द्वारा नए साल की शुरुआत के तौर पर मनाया जाता है. चलिए जानते हैं नवरोज की तिथि, इतिहास, महत्व, परंपराएं और इससे जुड़े उत्सव के बारे में.

नवरोज 2021 तिथि

नवरोज ईरानी कैलेंडर फारवर्डिन (Farvardin) के पहले महीने का पहला दिन होता है. प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, नवरोज मनाने की परंपरा करीब 3 हजार साल पहले शुरु हुई थी. यह तिथि आमतौर पर मार्च में 21 तारीख को पड़ती है, लेकिन सूर्य की स्थिति और ग्रहों की चाल के आधार पर तिथि एक दिन आगे-पीछे हो जाती है. इस साल नवरोज 20 मार्च को है. यह भी पढ़ें: March 2021 Festival Calendar: मार्च में मनाएं जाएंगे महाशिवरात्रि और होली जैसे बड़े पर्व, देखें इस महीने पड़ने वाले व्रत व त्योहारों की लिस्ट

नवरोज का महत्व

ईरानी समुदाय में नवरोज का बहुत महत्व है. यह उस दिन को चिह्नित करता है, जिस दिन राजा जमशेद की फारस के राजा के तौर पर ताजपोशी की गई थी. तहमुरस का दिन यिमा खशेटा (Tahmuras is Yima Khshaeta) जिसे बाद में जमशीद कहा गया. इसे आमतौर पर ईरानी लोगों के लिए नए साल की शुरुआत माना जाता है.

कैसे मनाते हैं नवरोज?

नवरोज नए साल का जश्न है, लिहाजा इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं. परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर इस दिन की बधाई देते हैं. नवरोज से जुड़ी कुछ रस्मों में आमतौर पर बोनफायर पर कूदा जाता है और पटाखे जलाए जाते हैं. समारोह में हफ्त सिन टेबल और मार्च विषुव का इंतजार करना शामिल है. हफ्त सीन सात प्रकार के खाद्य पदार्थों की एक व्यवस्था है, जिनके नाम सिन से शुरु होते हैं.