New Year 2019: जानें भारत में किस धर्म के लोग कब मनाते हैं नया साल, यहां न्यू ईयर के जश्न से जुड़ी हैं अलग-अलग मान्यताएं

आमतौर पर 1 जनवरी को मनाया जाने वाला नया साल सबसे ज्यादा मशहूर है, लेकिन कई देशों में नए साल का जश्न एक जनवरी को न मनाकर किसी और दिन मनाया जाता है. इन देशों में विभिन्न धर्मों व समाज के लोग अलग-अलग तिथियों पर अपनी परंपरा के मुताबिक नए साल का जश्न मनाते हैं.

हैप्पी न्यू ईयर 2019 (Photo Credits: Facebook)

New Year 2019: आज साल 2018 का आखिरी दिन है और साल 2019 (New Year 2019) का आगाज होने वाला है. ऐसे में हर कोई नए साल के जश्न (New Year Celebration) में सराबोर होने को बेकरार है. वैसे तो पूरी दुनिया 1 जनवरी  (January 1st) को नए साल का जश्न बड़े ही धूमधाम से मनाती है, लेकिन हर कोई इसे अलग अंदाज में सेलिब्रेट (Celebrate) करता है. कोई रातभर पार्टी करके नए साल का जश्न मनाता है तो कोई पूजा-अर्चना करके त्योहार की तरह नए साल का स्वागत करता है. बता दें कि दुनिया के अधिकांश देशों में ईसाई नव वर्ष यानी न्यू ईयर, 1 जनवरी को मनाने की परंपरा है.

आमतौर पर 1 जनवरी को मनाया जाने वाला नया साल सबसे ज्यादा मशहूर है, लेकिन कई देशों में नए साल का जश्न एक जनवरी को न मनाकर किसी और दिन मनाया जाता है. इन देशों में विभिन्न धर्मों व समाज के लोग अलग-अलग तिथियों पर अपनी परंपराओं के मुताबिक नए साल का जश्न मनाते हैं, जिनमें से एक देश भारत भी है, जहां विभिन्न धर्मों और जाति के लोग रहते हैं और वो अपनी-अपनी परंपराओं व मान्यताओं के अनुसार नए साल का जश्न मनाते हैं.

ईसाई- 1 जनवरी से

करीब 4000 साल पहले बेबीलोन में नए साल का जश्न 21 मार्च को मनाया जाता था, लेकिन रोम के तानाशाह जूलियस सीजर ने ईसा पूर्व के 45वें साल में जूलियन कैलेंडर की स्थापना की, जिसके बाद पहली बार 1 जनवरी को नए साल का जश्न मनाया गया. तब से लेकर अब तक ईसाई धर्म के लोग 1 जनवरी को नए साल का जश्न मनाते हैं. यह भी पढ़ें: New Year 2019: दुनिया के वो देश जहां 1 जनवरी को नहीं मनाया जाता है नए साल का जश्न, जानें इसका कारण

पंजाबी- होली के दूसरे दिन से

पंजाब में वैशाखी के पर्व को नए साल के रूप में मनाया जाता है.सिख नानकशाही कैलेंडर के मुताबिक, पंजाबियों के नए साल की शुरुआत होली के दूसरे दिन से मानी जाती है और यह तिथि मार्च या अप्रैल में आती है,

हिंदू- चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से

भारत में रहने वाले हिंदू समुदाय के लोगों के नए साल की शुरुआत चैत्र मास के शुक्ल प्रतिपदा से मानी जाती है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी और इस दिन को विक्रम संवत के नए साल का आरंभ माना जाता है. इसे गुड़ी पाड़वा, उगादि आदि नामों से भारत के कई क्षेत्रों में मनाया जाता है और अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह तिथि अप्रैल महीने में आती है.

इस्लाम- मोहर्रम माह की पहली तारीख

इस्लाम धर्म में मोहर्रम महीने की पहली तारीख को नए साल की शुरुआत मानी जाती है. इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, इस माह की पहली तारीख को मुस्लिम समाज का नया साल हिजरी शुरु होता है. यह कैलेंडर चंद्र पर आधारित होता है, जिसका इस्तेमाल दुनिया भर के इस्लामिक देशों में किया जाता है.

जैन- दीपावली के अलगे दिन से

भारत में रहने वाले जैन धर्म के लोगों का नया साल दीपावली के अगले दिन से होता है. इस धर्म की मान्यताओं के अनुसार, उनका नया साल भगवान महावीर स्वामी की मोक्ष प्राप्ति के अगले दिन से शुरू होता है, जिसे वीर निर्वाण संवत के नाम से जाना जाता है. यह भी पढ़ें: Happy New Year 2019 in Advance: नए साल की पहली शुभकामनाएं देने के लिए हैं बेकरार, तो इन WhatsApp Stickers, SMS और Facebook मैसेजेस के जरिए सभी से कहें 'हैप्पी न्यू ईयर इन एडवांस'

पारसी- नवरोज से

आमतौर पर पारसी धर्म के लोग 19 अगस्त को नवरोज उत्सव के तौर पर नए साल का जश्न मनाते हैं. इस धर्म की मान्यता के मुताबिक, करीब 3000 साल पहले शाह जमशेदजी ने पारसी धर्म में नवरोज यानी नया साल मनाने की शुरुआत की थी.

सिंधी- चैत्र शुक्ल की द्वितीया से

सिंधी समुदाय के लोग हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया के दिन नए साल का जश्न मनाते हैं. उनके नए साल का जश्न चेटीचंद उत्सव से शुरू होता है. सिंधी धर्म की मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन वरुणदेव के अवतार के रूप में भगवान झूलेलाल का जन्म हुआ था.

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