Nag Pancham 2024 Date in Gujarat: नाग देवता की पूजा का पर्व है नाग पंचम, जानें शुभ तिथि, पूजा मुहूर्त, अनुष्ठान और इसका महत्व

नाग पंचम भारत में हर साल मनाया जाने वाला एक शुभ और महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है. नाग पंचम को गुजरात में नाग पंचमी के रूप में भी जाना जाता है और यह पर्व इस साल 24 अगस्त 2024 को मनाया जा रहा है.

नाग पंचमी 2024 (Photo Credits: File Image)

Nag Pancham 2024 Date in Gujarat and Auspicious Timings: नाग पंचम (Nag Pancham) भारत में हर साल मनाया जाने वाला एक शुभ और महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है. नाग पंचम को गुजरात (Gujarat) में नाग पंचमी (Nag Panchami) के रूप में भी जाना जाता है और यह पर्व इस साल 24 अगस्त 2024 को मनाया जा रहा है. उत्सव 23 अगस्त को शुरू होगा और 24 अगस्त, 2024 तक जारी रहेगा. यह खास पर्व नाग देवताओं को समर्पित है. नाग देवता को समर्पित यह पर्व अधिकांश भारतीय राज्यों में सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है, जबकि गुजराती कैलेंडर के अनुसार, नाग पंचम सावन माह के कृष्ण पक्ष पंचमी को मनाया जाता है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि गुजराती कैलेंडर के अनुसार, चंद्र महीना अमावस्या के बाद शुरू होता है.

नाग पंचम के पर्व को आमतौर पर कृष्ण जन्माष्टमी से तीन दिन पहले मनाया जाता है, जो भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव का प्रतीक है. नाग पंचम के दिन भक्त नाग देवताओं को प्रसन्न करने के लिए उपवास रखते हैं और उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. साथ ही इस दिन विभिन्न अनुष्ठानों और रीति-रिवाजों पालन किया जाता है. यह भी पढ़ें: Nag Panchami 2024: कब है नाग पंचमी का पर्व? जानें इस पर्व से जुड़ी रोचक कुछ कथाएं!

गुजरात में नाग पंचम 2024 तिथि

इस साल गुजरात में नाग पंचम 2024, 23 अगस्त 2024 को शुरू होगा और 24 अगस्त 2024 तक जारी रहेगा.

गुजरात में नाग पंचम 2024 की तिथि

पंचमी तिथि प्रारंभ: 23 अगस्त 2024 को सुबह 10:38 बजे से,

पंचमी तिथि समाप्त: 24 अगस्त 2024 की सुबह 7:51 बजे तक.

नाग पंचम पूजा विधि

इस दिन नाग देवता की मूर्ति को दूध से स्नान कराया जाता है. पूजा स्थल पर नाग देवता की मूर्ति या तस्वीर रखी जाती है. भक्त आशीर्वाद, समृद्धि और परिवार की खुशहाली के लिए नाग देवता की पूजा करते हैं. दीपक जलाकर पूजा की जाती है, जो स्थान की शुद्धि का प्रतीक है. नाग देवता को फूल और चंदन भी चढ़ाया जाता है. इस दिन कोबरा जैसे जीवित सांपों की पूजा भी की जाती है.

नाग पंचम अनुष्ठान और परंपराएं

गुजरात में अपनाए जाने वाले अनुष्ठान और परंपराएं अन्य राज्यों के समान हैं. इस दिन भक्त नाग देवता को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं. वे उन क्षेत्रों और स्थानों पर जाते हैं, जहां सांप पाए जाते हैं, ताकि वो उनकी पूजा कर सकें. बुराई से सुरक्षा के लिए सांपों का आशीर्वाद लेने के लिए उन्हें दूध पिलाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन नाग देवता के लिए व्रत रखने और उनकी पूजा करने से नाग देवता की कृपा प्राप्त होती है. यह भी पढ़ें: Nag Panchami 2024: नाग पंचमी पर कैसे करें नाग देवता की पूजा? यहां जानें तिथि-समय, मुहूर्त, समेत सभी जानकारी

नाग पंचम इतिहास और महत्व

नाग पंचमी की उत्पत्ति हिंदू पौराणिक कथाओं और प्राचीन परंपराओं में गहराई से निहित है, जो नागों के प्रति दिव्य और सुरक्षात्मक प्राणियों के रूप में श्रद्धा को उजागर करती है. नाग पंचमी को नागों द्वारा निभाई गई सुरक्षात्मक और सहायक भूमिका का सम्मान करने और स्मरण करने के लिए मनाया जाता है, विशेष रूप से भगवान कृष्ण द्वारा कालिया नाग को हराने और भगवान शिव द्वारा अपने गले में नाग को धारण करने की कहानियों में. सांपों की पूजा करके भक्त इन दिव्य, पवित्र और शक्तिशाली प्राणियों को प्रसन्न करने, समृद्धि, स्वास्थ्य और नुकसान से सुरक्षा लाने की आशा करते हैं.

बहरहाल, नाग पंचम नाग देवताओं का सम्मान करने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है. नाग देवता को समर्पित यह पर्व प्रकृति की रक्षा और संरक्षण की याद भी दिलाता है. आप सभी को नाग पंचम की ढेरों शुभकामनाएं

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