Muharram 2020: इन मैसेजेस को अपनों के साथ शेयर करके इमाम हुसैन की शहादत को करें याद

मुहर्रम के दौरान विशेष रूप से पहले दस दिनों के लिए शिया और सूफी मुसलमान इमाम हुसैन (अलैहि सलाम) की शहादत को याद करने के लिए शोक की अवधि व्यतीत करते हैं. इसके अलावा इस दौरान आप इन मैसेजेस को अपनों के साथ शेयर करके कर्बला की लड़ाई में इमाम हुसैन की शहादत को याद कर सकते हैं.

मुहर्रम 2020 (Photo Credits: File Image)

Muharram 2020: इस्लामिक कैलेंडर (Islamic calendar) के अनुसार, मुहर्रम का पवित्र महीना 20 अगस्त (गुरुवार) से भारत में शुरू होने की उम्मीद है. मुहर्रम इस्लामिक हिजरी कैलेंडर (Islamic Hijri Calendar) का पहला महीना है, जो हिजरी वर्ष 1442 की शुरुआत को चिह्नित करेगा. मुहर्रम (Muharram) के दौरान विशेष रूप से पहले दस दिनों के लिए शिया और सूफी मुसलमान इमाम हुसैन (Imam Hussain) (अलैहि सलाम) (Alaihi Salaam) की शहादत को याद करने के लिए शोक की अवधि व्यतीत करते हैं. इसके अलावा इस दौरान आप इन मैसेजेस को अपनों के साथ शेयर करके कर्बला की लड़ाई (Battle of Karbala) में इमाम हुसैन की शहादत को याद कर सकते हैं.

माह-ए- मुहर्रम को इस्लाम धर्म के लोग खुशियों के तौर पर नहीं, बल्कि मातक के रूप में मनाते हैं. मुहर्रम के पहले दिस दिनों के दौरान शिया और सुन्नी मुसलमानों द्वारा कर्बला की लड़ाई और इमाम हुसैन की शहादत को याद करने के लिए बैठकें बुलाई जाती हैं. कर्बला के युद्ध को इस्लाम धर्म के इतिहास में सबसे दुखद घटना मानी जाती है.

1- जन्नत की आरजू में कहां जा रहे हैं लोग,

जन्नत तो कर्बला में खरीदी हुसैन ने,

दुनिया-ओ-अखरात में जो रहता है चैन से,

जीना अली से सीखो, मरना हुसैन से.

मुहर्रम 2020 (Photo Credits: File Image)

2- नजर गुम है नजारों को बड़ी तकलीफ होती है,

बगैर उनके नजारों को बड़ी तकलीफ होती है,

नबी कहते थे ये अक्सर जिक्र-ए-हैदर से,

मेरे कुछ जान निसारों को बड़ी तकलीफ होती है.

मुहर्रम 2020 (Photo Credits: File Image)

3- निजात की जब तक अपील करना,

हुसैन अपना वकील करना,

अगर सर के बदले हुसैन मिले,

तो जिंदगी ना तवील करना

मुहर्रम 2020 (Photo Credits: File Image)

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4- फिर कर्बला के बाद दिखाई नहीं दिया,

ऐसा कोई भी शख्स के प्यासा कहें जिसे

मुहर्रम 2020 (Photo Credits: File Image)

5- फिर आज हक के लिए जान फिदा करे कोई,

वफा भी झूम उठे यूं वफा करे कोई नमाज,

1400 सालों से इंतजार है,

हुसैन कि तेरा मुझको

मुहर्रम 2020 (Photo Credits: File Image)

गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण इस साल मुहर्रम का आयोजन भी अलग तरीके से किया जा रहा है. कोरोना संकट के कारण देश के कई हिस्सों में इस साल मुहर्रम में जुलूस निकालने पर प्रतिबंध लगाया गया है. तेलंगाना सरकार और दिल्ली में प्रशासन ने कोविड-19 के जोखिम को देखते हुए जुलूसों की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है.

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