Motivational Quotes of Chhatrapati Shahu ji Maharaj: कोल्हापुर की रियासत के पहले महाराजा मराठा छत्रपति शाहू महाराज (Chhatrapati Shahu Maharaj) मूलतः भोंसले राजवंश के थे, उनका जन्म महाराज जयसिंगराव घाटगे और माँ राधाबाई के परिवार में यशवंत राव के रूप में हुआ था. उनका शाही नाम राजर्षी शाहू महाराज था. उनका विवाह लक्ष्मीबाई हवलदार से हुआ था. उनका शासन साल 1894 से 1900 तक चला था. छत्रपति शाहू महाराज एक महान योद्धा ही नहीं थे, बल्कि एक दूरदर्शी नेता और समाज सुधारक भी थे, जो समाज को बदलने के लिए शिक्षा सहित तमाम मुद्दों को अहमियत देते थे. उनका निधन 6 मई को हुआ था. उनकी पुण्यतिथि (Chhatrapati Shahu Maharaj Punyatithi) पर कुछ प्रेरक कोट्स दिये जा रहे हैं.
- शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ नौकरी पाना नहीं है, बल्कि अपने और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर दुनिया बनाना है.
- शिक्षा एक मजबूत और समृद्ध समाज की नींव है.
- मानव सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं है. सर्वहित के लिए कार्य करना सबसे बड़ा धर्म है.
- पहले खुद में वह बदलाव लाएं, जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं.
- एक और एक ग्यारह, विभाजन कमजोरी है.
- किसी राष्ट्र की महानता की सच्ची परीक्षा इस बात में निहित है कि वह अपने कमजोर सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है.
- शिक्षा का उद्देश्य विद्वान नहीं बल्कि अच्छे नागरिक तैयार करना है.
- लोगों का कल्याण ही अंतिम कानून है.
- परिवर्तन के बिना प्रगति असंभव है और जो लोग अपना मन नहीं बदल सकते, वे कुछ भी नहीं बदल सकते.
- खुद को खोजने का सबसे अच्छा तरीका है, खुद को दूसरों की सेवा में खो देना.
- हम कड़वाहट और नफरत का प्याला पीकर अपनी आज़ादी की प्यास नहीं बुझा सकते.
- शिक्षा प्रगति की कुंजी है और प्रगति किसी भी राष्ट्र की सफलता की कुंजी है
- शिक्षा केवल ज्ञान प्राप्त करना नहीं है, बल्कि आलोचनात्मक और रचनात्मक रूप से सोचने की क्षमता विकसित करना है.
- शिक्षा सभी के लिए सुलभ होनी चाहिए, चाहे उनकी पृष्ठभूमि या सामाजिक स्थिति कुछ भी हो.
साहू समाज समानता के प्रबल समर्थक थे. उन्होंने ब्राह्मणों को किसी भी प्रकार का विशेष दर्जा देने से मना कर दिया. शाहूजी ने जाति-धर्म के भेद-भाव एवं अस्पृश्यता को खत्म करने के तमाम प्रयास किए. समाज के निचले वर्गों के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण की शुरुआत की. समाज के हर व्यक्ति को समान दर्जा देने के लिए अछूतों को कुओं-तालाबों जैसी सार्वजनिक उपयोगिताओं के साथ-साथ स्कूलों और अस्पतालों जैसे प्रतिष्ठानों की उपलब्धता कराने के लिए शाही फरमान जारी किया. इसके साथ ही उन्होंने अंतर्जातीय विवाहों को वैध बनाया, और दलितों के उत्थान का प्रयास किया. इसके साथ ही उन्होंने कई कुप्रथाओं को भी खत्म करवाया.