Mokshada Ekadashi 2022 Messages in Hindi: हर महीने में दो एकादशी व्रत (Ekadashi Vrat) होते हैं, जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया जाता है. एकादशी तिथि भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) को अतिप्रिय है और इस व्रत को करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) कहा जाता है. मान्यता है कि इस व्रत को पूरी आस्था के साथ करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. भक्त एकादशी का व्रत पूरे विधि-विधान से करते हैं और अगले दिन यानी द्वादशी तिथि को सूर्योदय के बाद अपने व्रत का पारण करते हैं. इस साल मोक्षदा एकादशी का व्रत 3 दिसंबर को रखा जा रहा है.
मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से पूर्वजों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है और इसके प्रभाव से व्रतियों को सभी पापों से मुक्ति मिलती है. श्रीहरि के भक्तों के लिए एकादशी का व्रत काफी महत्व रखता है, इसलिए लोग शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान करते हैं. आप भी इन हिंदी मैसेजेस, कोट्स, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स के जरिए शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- विष्णु जिनका नाम है,
बैकुंठ जिनका धाम है,
जगत के उस पालनहार को,
हमारा शत-शत प्रणाम है.
मोक्षदा एकादशी की शुभकामनाएं
2- शान्ताकारं भुजगशयनं पद्नानाभं सुरेशं।
विश्वधारं गगनसद्शं मेघवर्णं शुभाड्गमं।
लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं।
वंदे विष्णु भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्।
मोक्षदा एकादशी की शुभकामनाएं
3- ताल बजे, मुदंग बजे,
और बजे हरी की वीणा,
जय राम, जय राम,
जय श्री कृष्ण हरी.
मोक्षदा एकादशी की शुभकामनाएं
4- मां तुलसी और भगवान विष्णु,
आप और आपके परिवार पर,
ऐसे ही कृपा बरसाते रहें,
आप ऐसे ही उन्नति करते रहें.
मोक्षदा एकादशी की शुभकामनाएं
5- भगवान विष्णु आपको,
सुख, शांति, समृद्धि,
यश और कीर्ति प्रदान करें.
मोक्षदा एकादशी की शुभकामनाएं
इस एकादशी से जुड़ी प्रचलित कथा के मुताबिक, वैखानस नाम के एक दयालु राजा ने एक रात अपने सपने में मृत पूर्वजों को नरक में तड़पते देखा, जिसके बाद उन्होंने अपने दरबार में ब्राह्मणों से सहायता मांगी. राजा की बात सुनने के बाद ब्राह्मणों ने राजा को पर्वत मुनि के पास जाने को कहा. राजा पर्वत मुनि के पास पहुंचे और अपने सपने के बारे में बताया. राजा की बात सुनने के बाद पर्वत मुनि ने राजा और उनके परिवार को मोक्षदा एकादशी का व्रत करने के लिए कहा, जिससे राजा के पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति हुई.