Mokshada Ekadashi 2022 HD Images: शुभ मोक्षदा एकादशी! शेयर करें श्रीहरि के ये WhatsApp Wishes, GIF Greetings, Photos और Wallpapers
मोक्षदा एकादशी 2022 (Photo Credits: File Image)

Mokshada Ekadashi 2022 HD Images: हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) के नाम से जाना जाता है. इसी दिन गीता जयंती (Gita Jayanti) का पर्व भी मनाया जाता है. इस साल मोक्षदा एकादशी 3 दिसंबर 2022 को मनाई जा रही है. ऐसी मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से मृत्यु के बाद व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और पूर्वजों को भी मोक्ष मिलता है. प्रचलित मान्यता के अनुसार, इसी दिन द्वापर युग में महाभारत (Mahabharat) के युद्ध से पहले कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था, इसलिए इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है. कहा जाता है कि मोक्षदा एकादशी के व्रत से रोग, दरिद्रता, तनाव और कलह जैसी समस्याएं दूर होती हैं. इस व्रत को विधि-पूर्वक करने से पितृ भी प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं.

मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत रखने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है, सभी पापों का नाश होता है. इसके साथ ही सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और समस्त समस्याओं का समाधान होता है. इस अवसर पर आप अपनों को बधाई न दें ऐसा कैसे हो सकता है. आप श्रीहरि के इन एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटोज और वॉलपेपर्स को अपनों संग शेयर कर सकते हैं.

1- मोक्षदा एकादशी की शुभकामनाएं

मोक्षदा एकादशी 2022 (Photo Credits: File Image)

2- मोक्षदा एकादशी की हार्दिक बधाई

मोक्षदा एकादशी 2022 (Photo Credits: File Image)

3- शुभ मोक्षदा एकादशी

मोक्षदा एकादशी 2022 (Photo Credits: File Image)

4- मोक्षदा एकादशी 2022

मोक्षदा एकादशी 2022 (Photo Credits: File Image)

5- हैप्पी मोक्षदा एकादशी

मोक्षदा एकादशी 2022 (Photo Credits: File Image)

कहा जाता है कि मार्गशीर्ष मास भगवान श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिय है, इसलिए इस दिन उनका पूजन करना शुभ फलदायी माना जाता है, जबकि मोक्ष की कामना करने वाले लोग मोक्षदा एकादशी का व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं. इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ-साथ रात्रि जागरण का भी विधान है. पूजन के दौरान विष्णु सहस्त्रनाम, गीता का पाठ और 'ओम् नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जप करना चाहिए.