Merry Christmas in Advance 2021 Messages in Hindi: हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले सबसे बड़े पर्वों में शुमार दिवाली सेलिब्रेशन (Diwali Celebration) के बाद अधिकांश लोग क्रिसमस (Christmas) की तैयारियों में जुट जाते हैं. ईसाई धर्म के सबसे बड़े त्योहार क्रिसमस को दुनिया के तमाम देशों में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. क्रिसमस को लेकर प्रचलित मान्यता है कि पूरी दुनिया को प्रेम और दया का संदेश देने वाले प्रभु यीशु का जन्म इसी दिन हुआ था, इसलिए इस दिन को हर कोई यादगार बनाने की कोशिश करता है. क्रिसमस का जश्न (Christmas Celebration) मनाने के लिए क्रिसमस ट्री के साथ-साथ पूरे घर को रंग-बिरंगी लाइटों और मोमबत्तियों से रोशन किया जाता है. इस दिन बच्चों को सीक्रेट सैंटा का इंतजार रहता है जो उन्हें उपहार देकर इस पर्व को खास बना सके. इसके अलावा लोग एक-दूसरे को उपहार देते हैं और दावतों का आयोजन किया जाता है.
हर साल 25 दिसंबर को जहां दुनिया भर में क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है तो वहीं इसे छुट्टियों के मौसम की शुरुआत का भी प्रतीक माना जाता है. उधर, कई लोग क्रिसमस की शुभकामनाएं देने के लिए क्रिसमस के दिन तक का इंतजार भी नहीं कर पाते हैं, इसलिए हम आपके लिए लेकर आए हैं ये शानदार हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, जीआईएफ इमेजेस और कोट्स जिन्हें शेयर करके आप अपनों से मेरी क्रिसमस इन एडवांस कह सकते हैं.
1- अब खत्म हुआ इंतजार,
फिर आएगी खुशियों की बहार,
क्रिसमस का लाए हैं हम संदेश,
सभी मनाएं क्रिसमस देश-विदेश.
मेरी क्रिसमस इन एडवांस
2-आपकी आंखों में जो भी सजे हो सपने,
और दिल में छुपी हो जो भी अभिलाषाएं,
ये क्रिसमस का पर्व उन्हें सच कर जाए,
आपके लिए यही हमारी शुभकामनाएं.
मेरी क्रिसमस इन एडवांस
3- सुंदर सजाएंगे ट्री इस बार,
चलो जल्दी करो मेरे यार,
आएंगे सैंटा क्लॉज इस बार,
मांगो तोहफे और ढेर सारा प्यार.
मेरी क्रिसमस इन एडवांस
4- लो आ गया जिसका था इंतज़ार,
सब मिल के बोलो मेरे यार,
दिसंबर में लाया क्रिसमस बहार,
मुबारक हो तुमको क्रिसमस मेरे यार.
मेरी क्रिसमस इन एडवांस
5- सबके दिलो में हो सबके लिए प्यार,
आनेवाला हर दिन लाएं खुशियों की बहार,
इस उम्मीद के साथ आओ भुला के सारे गम,
क्रिसमस का हम सब करें वेलकम...
मेरी क्रिसमस इन एडवांस
माना जाता है कि क्रिसमस शब्द की उत्पत्ति क्राइस्ट से हुई है और दुनिया में पहली बार इस पर्व को 336 ई. में रोम में मनाया गया था. ईसाई धर्म के प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, प्रभु यीशु ने मरीयम के यहां जन्म लिया था, जिसकी भविष्यवाणी मरीयम को सपने में सुनाई दी थी. ऐसा कहा जाता है कि गर्भावस्था के दौरान मरीयम ने बेथलहम की यात्रा की थी और रात के समय उन्हें पशु पालन करने वाले गड़रिए की गुफा में सहारा लेना पड़ा था. अगले ही दिन उसी गुफा में प्रभु यीशु का जन्म हुआ था. उनके जन्मदिन की खुशी में ही क्रिसमस मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है.