Margashirsha Guruvar Vrat 2023 Dates In Maharashtra: मार्गशीर्ष माह की 13 दिसंबर होगी शुरुआत, यहां देखें महालक्ष्मी व्रत की तिथियां

मार्गशीर्ष हिंदुओं के लिए एक पवित्र महीना है. मार्गशीर्ष माह में घर-घर में महालक्ष्मी का व्रत रखा जाता है. यह व्रत मार्गशीर्ष माह के प्रत्येक गुरुवार को रखा जाता है. इस अवसर पर कई घरों में श्रावण मास की तरह मार्गशीर्ष माह में भी मांसाहार नहीं किया जाता है.

मार्गशीर्ष गुरूवार महालक्ष्मी व्रत (Photo: File Image)

Margashirsha Guruvar Vrat 2023 Dates In Maharashtra: मार्गशीर्ष हिंदुओं के लिए एक पवित्र महीना है. मार्गशीर्ष माह में घर-घर में महालक्ष्मी का व्रत रखा जाता है. यह व्रत मार्गशीर्ष माह के प्रत्येक गुरुवार को रखा जाता है. इस अवसर पर कई घरों में श्रावण मास की तरह मार्गशीर्ष माह में भी मांसाहार नहीं किया जाता है. तो इस साल यह मार्गशीर्ष महीना कब शुरू होगा और कब तक रहेगा? जानें इसके बारे में. इस वर्ष मार्गशीर्ष माह में किस गुरुवार को महालक्ष्मी व्रत रखा जाएगा इसकी जानकारी भी जान लें, ताकि उस अवसर पर पूजा के अनुरूप घट सजाने और अन्य तैयारियां करने में आपको आसानी होगी. यह भी पढ़ें: Vivah Muhurat 2023: 27 नवंबर से पुनः बजेंगी शहनाइयां! जानें नवंबर-दिसंबर में कौन-कौन सी बन रही हैं शुभ तिथियां!

इस वर्ष कब शुरू होगा मार्गशीर्ष महीना?

महाराष्ट्र में इस साल मार्गशीर्ष महीना 13 दिसंबर से शुरू होगा. तो पहला गुरुवार 14 दिसंबर को है. 12 दिसंबर को शाम 6 बजकर 24 मिनट पर अमावस्या की समाप्ति के बाद मार्गशीर्ष माह शुरू होगा. मार्गशीर्ष मास 13 दिसंबर से शुरू हो रहा है और यह मास 11 जनवरी को शाम 5:27 बजे समाप्त होगा। इस वर्ष मार्गशीर्ष माह में 4 गुरुवार को महालक्ष्मी व्रत मनाया जाएगा.

मार्गशीर्ष गुरुवार 2023 व्रत तिथियां

पहला गुरुवार - 14 दिसंबर

दूसरा गुरुवार - 21 दिसंबर

तीसरा गुरुवार - 28 दिसंबर

चौथा गुरुवार - 4 जनवरी

मार्गशीर्ष माह में प्रत्येक गुरुवार को महालक्ष्मी के प्रतीकात्मक रूप में घट स्थापित करने की प्रथा है. घट को महालक्ष्मी के रूप में सजाया जाता है. हर गुरुवार को हार और वेणी (गजरा) चढ़ाकर पूजा की जाती है. महिलाएं सुबह-शाम घट पूजा कर पूरे दिन व्रत रखती हैं. मार्गशीर्ष माह के आखिरी गुरुवार को महिलाओं के लिए हल्दी कुमकुम का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. इस अवसर पर, सवाशना महिलाओं को अपने घरों में आमंत्रित किया जाता है और उन्हें हल्दी कुंकु और वाना के रूप में उपहार दिया जाता है.

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