Margashirsha Guruvar 2020 Date: मार्गशीर्ष गुरुवार का व्रत कब से हो रहा है शुरू? जानें महालक्ष्मी व्रत की तिथियां, पूजा विधि और महत्व

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, मार्गशीर्ष का महीना भगवान श्रीकृष्ण और माता लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है. इस पावन महीने में महिलाएं मार्गशीर्ष गुरुवार व्रत का पालन करती हैं, जिसे महालक्ष्मी व्रत के नाम से जाना जाता है. दरअसल, हिंदू पंचांग का नौंवा महीना मार्गशीर्ष या अगहन कहलाता है. इस माह के प्रत्येक गुरुवार को बेहद शुभ माना जाता है और इस दिन देवी महालक्ष्मी की पूजा की जाती है.

मार्गशीर्ष गुरुवार व्रत 2020 (Photo Credits: File Image)

Margashirsha Guruvar 2020 Date: जिस तरह से सावन महीने में भगवान शिव की, कार्तिक महीने में भगवान विष्णु की विशेष उपासना की जाती है, उसी तरह से मार्गशीर्ष के महीने में धन और ऐश्वर्य की देवी महालक्ष्मी (Goddess Mahalakshmi) की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, मार्गशीर्ष का महीना भगवान श्रीकृष्ण और माता लक्ष्मी (Mata Lakshmi) को अत्यंत प्रिय है. इस पावन महीने में महिलाएं मार्गशीर्ष गुरुवार व्रत (Margashirsha Guruvar Vrat) का पालन करती हैं, जिसे महालक्ष्मी व्रत (Mahalakshmi Vrat) के नाम से जाना जाता है. दरअसल, हिंदू पंचांग का नौंवा महीना मार्गशीर्ष या अगहन कहलाता है. इस माह के प्रत्येक गुरुवार को बेहद शुभ माना जाता है और इस दिन देवी महालक्ष्मी की पूजा की जाती है.

महाराष्ट्र में महालक्ष्मी व्रत को मार्गशीर्ष गुरुवार व्रत के रूप में जाना जाता है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से मां लक्ष्मी की कृपा के साथ-साथ धन, सफलता और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस साल मार्गशीर्ष का महीना अमावस्या के अगले दिन यानी 15 दिसंबर से शुरू हो रहा है. चलिए जानते हैं मार्गशीर्ष गुरुवार व्रत की तिथियां, महालक्ष्मी की पूजा विधि और महत्व.

मार्गशीर्ष गुरुवार व्रत की तिथियां

महाराष्ट्र में मार्गशीर्ष का पवित्र महीना 15 दिसंबर (मंगलवार) से शुरू हो रहा है, जबकि मार्गशीर्ष गुरुवार का पहला व्रत 17 दिसंबर को पड़ेगा. मार्गशीर्ष का महीना 13 जनवरी 2021 को खत्म होगा.

पहला मार्गशीर्ष गुरुवार- 17 दिसंबर 2020

दूसरा मार्गशीर्ष गुरुवार- 24 दिसंबर 2020

तीसरा मार्गशीर्ष गुरुवार- 31 दिसंबर 2020

चौथा मार्गशीर्ष गुरुवार- 07 जनवरी 2021

महालक्ष्मी व्रत पूजा विधि

महालक्ष्मी व्रत का महत्व

माता लक्ष्मी को धन और ऐश्वर्य की देवी माना जाता है. दिवाली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करके सुख-समृद्धि की कामना की जाती है, लेकिन मार्गशीर्ष मास में देवी लक्ष्मी की पूजा को अत्यंत फलदायी माना जाता है. इस दिन भक्त व्रत रखकर अपने जीवन की सभी समस्याओं और दुखों से मुक्ति पाने की कामना करते हैं. मान्यता है कि मार्गशीर्ष गुरुवार का व्रत व पूजन करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है.

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