Mahatma Jyotiba Phule Jayanti 2022 Quotes: महात्मा ज्योतिबा फुले जयंती पर उनके ये हिंदी कोट्स Whatsapp Stickers और HD Wallpapers के जरिए भेजकर करें उन्हें याद
महात्मा ज्योतिबा फुले (Mahatma Jyotiba Phule) एक महान समाज सुधारक, लेखक, क्रांतिकारी, दार्शनिक और सामाजिक कार्यकर्ता थे. उन्होंने अपने पूरे जीवन में छुआछूत, स्त्री शिक्षा, विधवा विवाह जैसी समाज में व्याप्त बुराइयों को समाप्त करने के लिए संघर्ष किया...
Mahatma Jyotiba Phule Jayanti 2022 Quotes: महात्मा ज्योतिबा फुले (Mahatma Jyotiba Phule) एक महान समाज सुधारक, लेखक, क्रांतिकारी, दार्शनिक और सामाजिक कार्यकर्ता थे. उन्होंने अपने पूरे जीवन में छुआछूत, स्त्री शिक्षा, विधवा विवाह जैसी समाज में व्याप्त बुराइयों को समाप्त करने के लिए संघर्ष किया. इसलिए इस महान पुरुष के जन्म दिवस को प्रत्येक वर्ष 11 अप्रैल को महात्मा ज्योतिबा फुले जयंती के रूप में मनाया जाता है. यह भी पढ़ें: Savitribai Phule 125th Punya Tithi 2022: गिरकर उठना, संभलना, फिर दूसरों को संभालना.. कुछ ऐसा था सावित्री फुले के जीवन का फलसफा!
महात्मा ज्योतिबा फुले ने महिलाओं और दलितों के उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए. जिसकी वजह से वह आज भी युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं. महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर लोग उन्हें और उनके द्वारा किए गए महान कार्यों को याद करते हैं. इसके अलावा लोग शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान भी करते हैं. इस खास अवसर पर आप भी इन मराठी एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, वॉलपेपर्स, मैसेजेस को अपने दोस्तों-रिश्तेदारों और करीबियों को भेजकर महात्मा ज्योतिबा फुले जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं.इस लेख में महात्मा ज्योतिबा फुले शायरी स्टेटस, कोट्स और ज्योतिबा फुले के महान विचार दिए गए हैं. इन्हें पढ़ें और अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और प्रियजनों के साथ साझा करें.
1- ईश्वर एक है और वही सबका कर्ताधर्ता है.
2- आपके संघर्ष में शामिल होने वालों से उनकी जाति मत पूछिए.
3- स्वार्थ अलग-अलग रुप धारण करता है, कभी जाति का तो कभी धर्म का.
4- शिक्षा स्त्री और पुरुष की प्राथमिक आवश्यकता है.
5- अच्छा काम करने के लिए गलत उपायों का सहारा नहीं लेना चाहिए.
6- शिक्षा के बिना समझदारी खो गई, समझदारी के बिना नैतिकता खो गई, नैतिकता के बिना विकास खो गया, धन के बिना शूद्र बर्बाद हो गया, इसलिए शिक्षा महत्वपूर्ण है.
7- आपको लगता है भगवान और भक्तों के बीच किसी के मध्यस्था की आवश्यकता है.
8- ब्राह्मणों ने दलितों के साथ जो किया वो कोई मामूली अन्याय नहीं है, इसके लिए उन्हें ईश्वर को जवाब देना होगा.
ज्योतिराव गोविंदराव फुले महाराष्ट्र में एक सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक, विचारक और जाति-विरोधी समाज सुधारक थे. वह और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले भारत में महिला शिक्षा के अग्रदूत थे. उनका जन्म 11 अप्रैल 1827 को हुआ था और उनके जन्मदिन को हर साल पूरे महाराष्ट्र में महात्मा ज्योतिबा फुले जयंती के रूप में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है.